ईरान के प्रतिनिधिमंडल ने किया दारुल उलूम का दौरा, जिम्मेदारों से मुलाक़ात की, संस्था का भ्रमण कर जाना इतिहास।

देवबंद: ईरान का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को देवबंद पहुंचा। उन्होंने दारुल उलूम का भ्रमण करने के साथ ही यहां उलमा से मुलाकात की और संस्था के इतिहास और यहां दी जाने वाली शिक्षा के बारे में जाना।
बुधवार को ईरान के कुम शहर में स्थित बाकिरुल उलूम युनिवर्सिटी के प्रो. डा. अबु फजल रुही के नेतृत्व में दारुल उलूम पहुंचे इस्लामी स्कॉलर के प्रतिनिधिमंडल का संस्था के मेहमानखाने में मुफ्ती रिहान कासमी, मौलाना सादान कासमी, मौलाना मुकीम कासमी और अशरफ उस्मानी ने स्वागत किया। अशरफ उस्मानी ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि दारुल उलूम विश्व भर में धार्मिक शिक्षा का मुख्य केंद्र है। जिसने हमेशा अमन, शांति व भाईचारे का संदेश दिया है। मेहमानों ने संस्था के बारे में जानकर खुशी जताई और कहा कि ईरान में भी सुन्नी और शिया समुदाय में कोई भेदभाव नहीं किया जाता और दोनों को ही समान अधिकार प्राप्त है। ईरान में सुन्नी समुदाय के लोग भी बडी संख्या में सरकारी पदों पर कार्यरत है। ईरान हमेशा दुनिया में अमन व भाईचारा चाहता है और इसके लिए ही काम कर रहा है। इसके बाद उन्होंने लाइब्रेरी और वहां मौजूद फारसी समेत अन्य धर्मों से जुड़ी धािर्मक पुस्तकों का अवलोकन कर इनकी प्रशंसा की। 

इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने दारुल उलूम वक्फ पहुंच संस्था के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी से भी मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में ईरान के दिल्ली स्थित दूतावास के अधिकारी सैयद सादिक हुसैनी, डा. सैयद हादी साजदी, मोहसिन जव्वादी, हबीबुल्लाह अब्बासी, हसन बशीरी, अमीर मुहाजिर, नाजमा फातिमी, मलिहुस्सादात, मोहम्मद हुसैन फलाही शामिल रहे।

समीर चौधरी।

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