सहारनपुर: (शिब्ली रामपुरी) वो देख हंसती है कामयाबी कहीं तु हिम्मत ना हार जाना -तेरे कदम चूम लेगी मंजिल अगर जरा हौसला करेगा।
किसी शायर की यह पंक्तियां आयशा खान पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और लगातार मेहनत करती रहीं और आज वह मकाम हासिल कर लिया है कि मुबारकबाद देने वालों का उनके यहां तांता लगा हुआ है।
7 साल पहले आयशा के पति ने उनको छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली थी तब उस वक्त आयशा बहुत निराश और मायूस हो गई लेकिन उनमें एक हौसला कायम रहा कि मुझे कुछ करके दिखाना है मुझे एक कामयाब इंसान बनना है और इसी जज्बे ने आयशा खान को झारखंड में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज के पद पर सिलेक्शन में कामयाबी दिला दी. रिजल्ट आने के बाद उनके घर पर बधाई देने वालों की भीड़ लगी है आयशा की सातवीं रैंक आई है।
आयशा अपने गुजरे हुए अतीत के बारे में बात नहीं करना चाहती. वह कहती हैँ कि मैं अब इस बारे में कोई बात ही नहीं करना चाहती ना अपने पति का नाम लेना चाहती हूं क्योंकि जितने दुख उसने मुझे दिए हैं उनको बयान करके सिर्फ मेरे दिल को तकलीफ ही पहुंचेगी. आयशा खान सहारनपुर के अरबी मदरसा क्षेत्र में अपने मायके में रहती हैं. जिस वक्त उनका पति से विवाद हुआ तो वह अपने दोनों बच्चों को साथ लेकर अपने माता-पिता के घर आ गई थीं।
वो कहती है कि शौहर से अलग होने के बाद वह बहुत मायूस हुई लेकिन जब बच्चों का चेहरा देखती थी तो उनको बहुत मजबूती मिली और आज जो कामयाबी मुझे मिली है उसमें मैं उन महिलाओं को यह संदेश देना चाहती हूं कि जो कठिन समय में मायूसी हो जाती हैं निराश हो जाती हैं मैं उनसे कहना चाहती हूं कि कितना भी नाजुक वक्त हो आप खुद को कभी भी कमजोर मत समझो बल्कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए मेहनत करते रहो. आयशा खान की शिक्षा की बात करें तो आयशा खान ने 1993 में 69% अंक पाकर हाई स्कूल की परीक्षा पास की। 12वीं की परीक्षा 1995 में 61%, BSC की परीक्षा में 73%, LLB 2002 में 69% अंक से पास की और गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। LLM की परीक्षा 2022 में 75% अंक से पास की। अब झारखंड HJS परीक्षा पास की और 7वीं रैंक हासिल की है। आयशा खान को मिली कामयाबी पर उनको मुबारकबाद दिए जाने का सिलसिला जारी है।
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