नज़र फाउंडेशन देवबंद की और से यौम ए उर्दू और यौम ए तालीम के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन।

देवबंद: यौम ए उर्दू और यौम ए तालीम के मौके पर देवबंद में सामाजिक संस्था नज़र फाउंडेशन की और से हर साल की तरह इस साल भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिस में देवबंद नगर के साहित्य और शिक्षा पर काम वाले साहित्य के लोगों, शायरों, व उर्दू टीचर, समाजी कार्यकर्ता ने शिरकत की।  कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना शाह आलम गोरखपुरी ने की, जब कि संचालन संयुक्त रूप से जकी अंजुम सिद्दीकी व नबील मसूदी ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मौलाना शाह आलम गोरखपुरी ने साहित्य व शिक्षा पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि ये बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि मशरीक शायर अल्लामा इकबाल को अल्लामा का लक़ब मशहूर आलिम दीन अल्लामा अनवर शाह कश्मीरी ने दिया था।अल्लामा इकबाल ने "सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा" गीत लिखा जो बहुत लोकप्रिय हुआ आज भी ये गीत गुनगुनाया जाता है।
संस्था के चेयरमैन नजम उस्मानी ने कहा कि हमें शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर भाग लेना होगा, विशेषकर बेटियों को पढ़ाना होगा, तभी समाज व देश खुशहाल होगा। आज के विकसित भारत में कोई भी अशिक्षित न रहे।
इस अवसर पर शायरों ने अपना शायरी से सबका दिल जीत लिया, शायरों ने पढ़ा कि -
लहजा था फूल जैसा हर एक लफ्ज़ खुशनुमा,
इकबाल की जुबान से किस्मत संवर गई,
महफिल में उनके जिक्र से काविश महक गया,
उर्दू जुबान की खुशबू फिजा में बिखर गई।
*समर काविश*
जबीं शौक को न था पसंद ओर की दर,
उठे जो तेरे दर से हम हमेशा दर बदर रहे,
नहीं गए हयात से निशात व ऐश के मजे,
वो जितने दिन भी जिंदगी में मेरे हमसफर रहे।
*अब्दुल्ला राज़*
हर सिमत खुशबुएं से बिखर जाएगी,
मैं गुफ्तगू करूंगा जब उर्दू जुबान में।
*तनवीर अजमल*
शैदाइ यूं तो गुज़रे कई नामवर शायर,
इकबाल आप उर्दू की पहचान बन गए।
*डॉक्टर सादिक देवबंदी*
फूल हम जैसे अनाड़ी लिए बैठे होंगे 
दोस्त जितने भी कुल्हाड़ी लिए बैठे होंगे, 
आज तो लूट ले महफिल को मगर,
याद रहे तेरा दीवान कबाड़ी लिए बैठे होंगे।
*जकी अंजुम*
यह दुआ है कि हम तुम तरक्की करें, 
इस वतन पर इस वतन पर जिए इस वतन पर मारे, 
मुझ से आगे है सरवर को आगे निकले हुए, 
उनसे जल जाऊं यह मेरी आदत नहीं। 
*सरवर देवबंदी*
बलाए जान होते हैं बसा औकात वो लम्हे,
कि जब मरहूने मिन्नत लोग भी आंखें चुराते है।
*शमीम किरतपुरी*
इसके अलावा कार्यक्रम में ताहिर हसन शिबली व जर्रार बेग ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्था के चेयरमैन नजम उस्मानी ने मास्टर शमीम किरतपुरी, मास्टर सरवर देवबंदी, जकी अंजुम, काविश समर, तनवीर अजमल, अब्दुल्ला राज़ को उर्दू के क्षेत्र में काम करने पर सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में ताहिर हसन शिबली, जर्रार बेग, हसीन अहमद, कमर उस्मानी, शाहनवाज उस्मानी, अब्दुल्ला शहज़ाद, नबील नौशाद आदि मौजूद रहे।

समीर चौधरी/महताब आज़ाद।

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