कलियर में भीख मांगने वाला देवबंद इलाका का 11वर्षीय मासूम बच्चा निकला करोड़पति, बच्चे की क़िस्मत पर हर कोई हैरान।

देवबंद/कलियर: उत्तराखंड में स्थित पिरान कलियर में भीखमांगने वाला 11 वर्षीय मासूम बच्चा करोड़पति निकला है, बच्चे की किस्मत का य‍ह करिश्मा देख कर हर कोई हैरान है, वक्त की गर्दिश से मासूम शाहजेब की जिंदगी पर छाए मुसीबत के बादल एक झटके में छट गए और खुशियों की बारिश होने लगी।
दो वक्त की रोटी के लिए कभी चाय की दुकान पर झूठे बर्तन धोने तो कभी दूसरों के आगे हाथ फैलाने वाले एक मासूम की जिंदगी अचानक ऐसी बदली कि हर कोई हैरान है। करोड़ों की पुश्तैनी जायदाद का मालिक बन गया
बेसहारा घूमने वाले एक साधारण से लड़के को न सिर्फ उसका खोया हुआ परिवार मिल गया, बल्कि सहारनपुर के गांव में वह अपने करोड़ों की पुश्तैनी जायदाद का मालिक भी बन गया।
जनपद सहारनपुर के देवबंद इलाके के थाना नागल के पंडोली गांव निवासी इमराना वर्ष 2019 में ससुरालवालों से नाराज होकर अपने मायके यमुनानगर चली गई थी। जब उसके पति नावेद उसे लेने के लिए यमुनानगर गए थे वह नाराज होकर अपने आठ साल के बेठे शाहजेब के साथ घर छोड़कर निकल गई और कलियर में आकर रहने लगी। इसी बीच नावेद की मौत हो गई।
नावेद किसान था। इसी बीच कलियर में इमराना की भी करोना से मौत हो गई। इसके बाद शाहजेब अनाथ हो गया। वह कलियर में रहकर चाय आदि की दुकानों पर बर्तन धोने लगा, लोगों से भीख मांगकर गुर्जर बसर करने लगा।

इसी बीच शाहजेब के छोटे दादा शाह आलम ने अपने पोते व बहू की तलाश शुरु कर दी। साथ ही इंटरनेट मीडिया पर एक फोटो भी डाला गया। जिसके बाद गुरुवार को कलियर आए शाह आलम के एक दूर के रिश्तेदार मोबिन ने उसे पहचान लिया और शाह आलम को इस की सूचना दी। शाह आलम अपने पोते को साथ ले गए।
घर से पत्नी सहित बेटे के गायब होने के सदमे में पिता ने दम तोड़ दिया। लेकिन हिमाचल में सरकारी शिक्षक रह चुके दादा मोहम्मद याकूब ने बेटे के बाद उसकी निशानी को ढूंढने को बहुत जद्दोजहद की। कोई फायदा नहीं हुआ और दादा भी चल बसे। लेकिन दुनिया से जाते-जाते इंसाफ कर गए और अपनी आधी जायदाद मासूम पोते और आधी जायदाद दूसरे बेटे के नाम पर की। दादा ने अपनी वसीयत में लिखा कि जब उसका पोता आता है तो आधी जायदाद उसे सौंप दी जाए।

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