जमीअत उलमा ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को बताया तथ्यों पर आधारित, कहा इसका जमीन पर असर नजर आना जरूरी।

जमीअत उलमा ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को बताया तथ्यों पर आधारित, कहा इसका जमीन पर असर नजर आना जरूरी।
देवबंद:  जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने नूपुर शर्मा मामले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तथ्यों पर आधारित और जमीनी सच्चाई को दर्शाने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि देश में जो परिस्थितियां उत्पन्न हुईं, उसके पीछे कानून लागू करने वाली एजेंसियों का अत्यधिक भेदभावपूर्ण रवैया है। 
शुक्रवार को जारी बयान में मौलाना हकीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी द्वारा पैगंबर के अपमान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर इसी महीने सुनवाई होने वाली है। इसमें मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में अपनी गाइडलाइन को क्रियांवित कराने के लिए सरकारों को निर्देश जारी करे। इस याचिका में वही बातें कही गई हैं जो आज सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को फटकार लगाते हुए कही है। 
उन्होंने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद पहले दिन से कह रही है कि देश की वर्तमान स्थिति में सुधार के लिए सरकारों का रवैया ठीक नहीं है बल्कि सरकारी संरक्षण में सांप्रदायिकता का अभियान चलाया जा रहा है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद को उम्मीद है कि सरकार इस टिप्पणी से सचेत होगी और व्यावहारिक कार्यों द्वारा स्थिति को सुधारने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा जब तक कि इस टिप्पणी का जमीनी असर न दिखाई दे, उसे सार्थक और प्रभावी नहीं कहा जा सकता।

समीर चौधरी।

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