नफ़रत और भेदभाव फैलाने वाले फैसले को वापस ले योगी सरकार, कावड़ मार्ग की दुकानों पर नाम लिखने पर मौलाना अरशद मदनी ने दी तीखी प्रतिक्रिया।

देवबंद: जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कांवड़ यात्रा मार्ग में दुकानों पर मालिक का नाम लिखने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को धर्म की आड़ में राजनीति के नए खेल की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि यह भेदभावपूर्ण फैसला है, इससे जहां देश विरोधी तत्वों को लाभ उठाने का अवसर मिलेगा वहीं, सांप्रदायिक सौहार्द को गंभीर क्षति पहुंचने की आशंका है।

शनिवार को जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि संविधान में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि देश के किसी नागरिक के साथ उसके धर्म, रंग और जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा और हर नागरिक के साथ समान व्यवहार होगा। लेकिन इसके इतर पिछले कुछ सालों से शासन प्रशासन का जो रवैया सामने आया है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा लगता है कि शासकों का आदेश ही संविधान है। मदनी ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि सरकार गठन के समय संविधान के नाम पर शपथ लेती है लेकिन इसके बाद उसी संविधान को किनारे रख दिया जाता है। कहा कि लंबे समय से कांवड़ यात्रा निकलती आ रही है और इस यात्रा के दौरान आम तौर पर मुसलमान भी जगह जगह कांवडिय़ों की सेवा करते हैं। ऐसा पहली बार है जब इस तरह का आदेश जारी कर एक विशेष समुदाय को अलग थलग करने के साथ ही नागरिकों के बीच भेदभाव और नफरत फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह भेदभाव फैलाने वाला अपना यह फैसला वापस ले।

समीर चौधरी।

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