देवबंद: गुरूद्वारा श्री गुरू नानक सभा में गुरमत सिखलाई कैंप का विधिवत समापन किया गया। अपने परिवारों के साथ गुरूद्वारा साहिब पहुंचे देवबंद कोर्ट के न्यायाधीशों ने कैम्प में भाग लेने वाले 40 बच्चों को सम्मानित किया गया।
गुरूद्वारा साहिब के दशमेश हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को सम्बोधित करते हुए सिविल कोर्ट देवबंद के एडीजे विनित वसवानी ने कहा कि अपनी संस्कृति व जड़ों से जुड़ा हुआ व्यक्ति जीवन में हमेशा तरक्की करता है। कहा कि देवबंद गुरूद्वारा साहिब में आकर और बच्चों से मिलकर उन्हें अपना बचपन याद आ गया जब वह पाउंटा साहिब में जाकर माथा टेका करते थे।
एसीजेएम देवबंद स.परविंदर सिंह ने कहा कि दस्तार सिख की पहचान है। उन्होंने बच्चों को जीवन में ईमानदारी से कार्य करने व बड़ों की सेवा करने की सीख देते हुए कहा कि ऐसे कैम्प बच्चों को उनकी विरासत व संस्कृति से जोड़ते है।
सिविल जज प्रिंस जिंदल ने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। बाबा रणजीत सिंह पनियाली ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नही होती जीवन में जब भी समय मिले कुछ न कुछ सिखना चाहिए। गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने न्यायाधीशों, सिंघ ब्रदर्स वेलफेयर आग्रेनाइजेशन व संगत का आभार प्रकट किया। इससे पूर्व छोटे- छोटे बच्चों ने गुरवाणी कीर्तन व पाठ सुनाकर संगत को निहाल किया। बच्चों द्वारा अपने हाथों से बनाएं गए चार्ट का भी अवलोकन कराया गया। कार्यक्रम को प्रचारक भाई गुरजंट सिंह, सिंघ ब्रदर्स के चेयरमैन मनिंदर सिंह ने भी संबोधित किया। संचालन गुरजोत सिंह सेठी ने किया। अतिथियों ने कैम्प में भाग लेने वाले 40 बच्चों को प्रशस्ति पत्र, मेडल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। गुरूद्वारा कमेटी की ओर से अतिथियों को सिरोपा व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान डा. रवि प्रकाश खोराना, गुरजोत सिंह सेठी, श्याम लाल भारती, सतीश गिरधर, सचिन छाबड़ा, विरेंद्र सिंह उप्पल, बलदीप सिंह, हरविंदर सिंह बेदी, योगेश दहिया, चरणप्रीत सिंह,परमजीत सिंह, सुखजिंदर सिंह, हर्ष भारती, रविंद्र सिंह, हरजीत सिंह, जितेंद्र मल्होत्रा, भाई गुरदयाल सिंह, अमनदीप सिंह आदि मौजूद रहे।
समीर चौधरी/महताब आज़ाद।
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