देवबंद: बेरोजगार युवाओं को रेलवे सहित अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर साठ लाख रुपये की ठगी करने वाले गैंग के चार सदस्यों को देवबंद पुलिस ने दबोचा है। पुलिस ने आरोपियों पास से नगदी समेत बड़ी संख्या में फर्जी नियुक्ति-पत्र, लैपटॉप एवं अन्य कागजात बरामद किए हैं।
कोतवाली प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपी बेहद शातिर हैं वह इंटरनेट के माध्यम से देश के अलग अलग राज्यों में रहने वाले युवाओं को ठगी का शिकार बना रहे थे। बताया कि पकड़े गए आरोपी आज देवबंद में कुछ युवकों को ठग कर उन्हें सरकारी नौकरियों के फर्जी नियुक्ति पत्र देने वाले थे। जिन्हें जाल बिछाकर दबोच लिया गया। पकड़े गए आरोपियों में पटना बिहार निवासी विशाल जो वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में रहता है। जनपद मुजफ्फरनगर के रामपुरी गेट निवासी दीपक श्रीवास्तव, जनपद मुजफ्फरनगर के ही खतौली निवासी तुषार उपाध्याय और लोनी गाजियाबाद निवासी सलाउद्दीन शामिल है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह अपने साथी अजीत कुमार के साथ मिलकर इंटरनेट पर नौकरियों के प्रचार देख उनके फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर लिया करते थे और विशेषकर पढ़े लिखे बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसाया करते थे। बताया कि देवबंद निवासी अक्षय समेत वह अब तक विभिन्न राज्यों से करीब 60 लाख रुपये अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करा चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने बिहार और कोलकाता में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर कई युवको को फर्जी ट्रेनिंग सेंटरों में ट्रेनिंग भी कराई है।
बता दें कि बेरोजगार युवकों को ठगी का शिकार बनाने वाले गैंग के सदस्य गुरुवार को देवबंद में भी फर्जी नियुक्ति पत्र वितरित करने वाले थे। जिसके लिए उन्होंने बाकायदा कुछ युवकों को एक स्थान पर बुलाया भी था। इसके बाद उनका प्रोग्राम गागलहेड़ी जाकर वहां पर भी फर्जी नियुक्ति पत्र देने का इरादा था। ऑन लाइन ठगी करने वाले इस गैंग में महिला समेत अन्य कई लोग भी शामिल हैं। जिन्हें पुलिस तलाश कर रही है।
समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।
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