मोहल्ला बड़जियाउलहक पर आयोजित मुशायरे में शायरों ने देर रात तक बांधा समा।

देवबंद: मोहल्ला बड़जियाउलहक पर मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें शायर अरशद जिया ने पढ़ा..कोई पूछे तो जरा आज के सालारों से, अमन हो जाएगा क्या मुल्क में तलवारों से सुनाकर श्रोताओं से जमकर दाद बटोरी।

बुधवार की रात्रि मुशायरे का उद्घाटन समाजसेवी राव ने फीता काटकर जबकि अशफाकउल्लाह खां ने शमा रोशन कर किया। शायर चौकस देवबंदी ने कहा..यह सच है की हम झूठ फरमा रहे हैं, जो शायर नहीं हैं गजल गा रहे हैं। चांद देवबंदी ने कुछ यूं कहा..एक जमीं के जर्रे को आफताब होने में, मुश्किलें तो आती हैं कामयाब होने में सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। राशिद कमाल, असजद, नफीस अहमद, जहांगीर और आलम ने भी अपना कलाम सुनाया। अध्यक्षता असद जमाल फैजी व संचालन जिगर देवबंदी ने किया। कार्यक्रम में कई पालिका सभासदों को सम्मानित भी किया गया। इसमें कलीम माज, इकराम अंसारी, सय्यद हारिस, मुर्तशा कुरैशी, नबील मसूदी, अंसार मसूदी, जर्रार बेग, शाहबाज गौड, अब्दुल कादिर, माहिर हसन और जुनैद सिद्दीकी आदि मौजूद रहे। अंत में संयोजक समीर अंसारी ने सभी का आभार जताया।


समीर चौधरी/महताब आज़ाद।

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