देवबंद की रीता गर्ग की आंखों से किसी के अंधेरे जीवन में आएगा उजाला, मृतका की इच्छा पर परिवार ने की आंखें दान।

देवबंद: महिला की इच्छा पर मरने के बाद उनकी आंखें आई बैंक को दान की गई है। मृतका रीता के परिवार का कहना है कि इस पुनीत कार्य के बाद उनकी आंखें किसी के अंधकारमय जीवन में उजाला भरने का काम करेगा।

शनिवार देर शाम मोहल्ला छिम्पीवाड़ा निवासी आदेश गर्ग की पत्नी रीता गर्ग (65) घर में दीप सजा रही थी। इस दौरान उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद उन्होंने एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इस बीच उन्होंने घर वालों से मरणोपंरात अपनी दोनों आंखें दान करने की इच्छा जताई। रविवार को इलाज के दौरान रीता गर्ग की मौत हो गई। परिवार ने इच्छानुसार रोशनी आई बैंक के लोगों को बुलाकर रीता गर्ग की आंखें दान कर दी। क्षेत्र में रोशनी आई बैंक के लिए कार्य कर रहे सुभाष मित्तल और आई बैंक कर्मचारी परिवार की इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी आंखों को अपने साथ ले गए। सुभाष मित्तल ने बताया कि देश में लाखों लोग किन्हीं कारणों से अंधकार का जीवन जीने को मजबूर हैं। लेकिन इस तरह के दानकर्ताओं के आगे आने से उनका जीवन अंधकार मुक्त हो जाता है। उन्होंने परिवार के इस फैसले की सराहना की। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का सबब बना हुआ है।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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