नई दिल्ली: कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में गुरुवार को आयोजित बुद्धिजीवी वर्ग के एक सम्मेलन में’ फिलिस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए हमदर्दी जताई और वहां क्या हालत पर गहरी चिंता व्यक्त की।
इस संबंध में पारित प्रस्ताव और जारी ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया है कि हम फिलिस्तीन के मित्र लोग फिलिस्तीन, विशेषकर गाजा की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं।
हम निर्दोष लोगों, यहां तक कि बच्चों और महिलाओं की लगातार हत्या के साथ-साथ उनके भोजन, पानी, चिकित्सा और बिजली की आपूर्ति रोके जाने, और आबादी वाले क्षेत्रों पर लगातार बमबारी और गाजा को खाली करने के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं।
हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि यहूदी कब्ज़ा की वजह से गत कई वर्षों से फ़िलिस्तीनियों को उनके घरों और ज़मीनों से लगातार बेदखल किया जा रहा है और इस भूमि के मूल निवासियों, फ़िलिस्तीनियों पर क्रूरतापूर्वक अत्याचार किया जा रहा है।
फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में नई आबादी को लगातार बसाना और अल-अक्सा मस्जिद को लगातार अपवित्र करना और ऐसी अन्य आक्रामक नीतियां सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन हैं, जो कि इस क्षेत्र में निरंतर शांति और व्यवस्था के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा हैं।
ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत कार्रवाई करने और रक्तपात रोकने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है। फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों को बहाल करना और इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना क्षेत्र में निरंतर शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है।
हम सरकार से यह भी मांग करते हैं कि वह भारत की लंबे समय से चली आ रही उपनिवेशवाद विरोधी और फिलिस्तीन समर्थक विदेश नीति को जारी रखे, जिसकी गांधी जी से लेकर वाजपेयी तक वकालत कर चुके हैं और फिलिस्तीनी लोगों के वैध अधिकारों को साकार करने में अपने प्रभाव क्षेत्र का उपयोग करें।
’प्रतिभागीः’
केसी त्यागी पूर्व सांसद
सांसद कुंवर दानिश अली
प्रोफसर बिट्ठल, महासचिव आर समाज
प्रोफेसर अदित्य निगम
प्रोफसर शशि शेखर सिंह
जॉन दयाल
मौलाना महमूद मदनी अध्यक्ष, जमीअत उलमा-ए-हिंद सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी अमीर, जमात-ए-इस्लामी हिंद
मौलाना असगर अली इमाम महदी अमीर, जमीअत अहले हदीस हिन्द
मौलाना हकीमुद्दीन कासमी महासचिव, जमीअत उलमा-ए-हिंद सलीम इंजीनियर जमात इस्लामी हिंद
इंडियन पैलिस्टीनियन फ्रेंडशिप फोरम।
इज़राइल को सपोर्ट करने वाले ज़ालिम हैं: मौलाना महमूद मदनी।
उधर, जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने इज़राइल-हमास युद्ध के बीच अपने एक बयान में कहा कि जो लोग बमबारी कर रहे हैं, वो ज़ालिम हैं….और जो लोग उनका साथ दे रहे हैं, वे भी ज़ालिम हैं। उन्होंने कहा कि “हक़ तो यह है कि भारत भी अपनी असल ज़िम्मेदारी अदा करता, हम अभी भी उम्मीद करते हैं कि भारत को अपनी ज़िम्मेदारी अदा करनी चाहिये।” उन्होंने कहा कि “यह मुस्लिम मुद्दा नहीं है, मैं उन यहूदियों को मुबारकबाद देता हूँ, जो अमेरिका में मानवता के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि “जो लोग उन्हें (हमास) को आतंकवादी कह रहे हैं, मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूँ कि वेस्ट बैंक में कौन हैं…? वहाँ तो वो (हमास) नहीं है? वहाँ पर इज़राइल ने पिछले एक वर्ष में हज़ारों लोग मार डाले हैं… उन्हें आप क्या कहेंगे?” महमूद मदनी ने कहा कि “इंसाफ़ की बात होनी चाहिये।”
उन्होंने कहा कि “मैं अपने देश के लोगों से माँग करता हूँ कि “आप बिना सोचे-समझे रिएक्ट कर रहे हैं, आप इस मामले को सही से समझे तो सही.. क्या सिर्फ़ सड़के बनाने से ही हमारा भारत देश विश्वगुरू बन जायेगा? इंसाफ़ की बात करने से ही भारत को विश्वगुरु बनाया जा सकता है।”
(Mahmood Madani Statement On Israel)
समीर चौधरी।
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