जी 20 शिखर सम्मेलन में बोले तुर्किया के राष्ट्रपति, एक दुनिया, एक फैमिली अच्छा विचार, लेकिन इस्लामोफोबिया और कुरआन की बेहुरमती बर्दाश्त नहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई सदस्यता की वकालत।

नई दिल्ली: भारत में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में अपने स्पीच के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैय्यब एर्डोगान ने इस्लामोफोबिया, ज़ेनोफोबिया और कुरआन शरीफ की बेहुरमती का मामला उठाया, साथ ही इस मामले पर एकजुट होकर विरोध करने की बात कही और कहा कि हम इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर सकते।

रज्जब तैय्यब एर्डोगन ने अपने भाषण में कहा कि "एक दुनिया, एक फैमिली, एक भविष्य, यह विचार बहुत अच्छा है, लेकिन इस विचार को नुकसान तब पहुंचता है जब इस्लामोफोबिया, ज़ेनोफोबिया एक महामारी की तरह फैलने लगता है।
जब मुस्लिस पर क्रूर हमला होता है, तब बड़े बड़े लोकतंत्र वाले देश व मानवाधिकार आयोग, तीन बंदर बन जाते है, न देखते है, न बोलते है, न सुनते है।

जिस तरह से कुरआन शरीफ की बेहुरमती की जाती है, यह अभिव्यक्ति की आज़ादी नही है, यह हेट क्राइम है। यह सब देख कर अगर आप यह सोचते है कि हम चुप रहेंगे, तो यह बिल्कुल भी नही होगा।
जिन जिन देशों पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लग रहा है, उन सभी देश को इस्लामोफोबिया के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कानून बनाना चाहिए, कानून में संशोधन करना चाहिए।"

भारत को मिले संयुक्त राष्ट्र की स्थाई सदस्यता।

वही रज्जब तैय्यब एर्डोगान जी20 में  अपने भाषण के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई सदस्यता की वकालत करते हुए कहा कि हमें खुशी होगी अगर भारत को संयुक्त राष्ट्र की अस्थाई सदस्यता मिले, उन्हेंने पुरजोर तरीके से भारत को संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग उठाते हुए इसका समर्थन किया।

समीर चौधरी।

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