टीचर की नफरती शिक्षा पर भड़के मौलाना महमूद मदनी, सीएम सहित एनसीपीसीआर व मानवाधिकार आयोग को पत्र भेज कर आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग।

नई दिल्ली: जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने मंसूरपुर थानाक्षेत्र के खुब्बापुर गांव में हुई स्कूल घटना पर दुख जताया है। मौलाना मदनी ने सरकार से मामले का संज्ञान लेकर दोषी शिक्षिका के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही कहा कि देश में नफरत फैलाने की पाठशाला किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

शनिवार को महमूद मदनी ने नेहा पब्लिक स्कूल में यूकेजी के मुस्लिम छात्र के साथ दूसरे समुदाय के छात्रों से पिटाई कराने और स्वयं आपत्तिजनक टिप्पणी करने के संबंध में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और नेशनल माइनॉरिटी कमीशन को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। पत्र में विशेष रूप से कहा गया है कि घटना का स्वयं संज्ञान लेकर दोषी शिक्षिका तृप्त त्यागी के विरुद्ध बाल अधिकार, मानवाधिकार, शैक्षिक अधिकार और दो संप्रदायों के बीच घृणा की रोकथाम के अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए। संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिए जाएं कि इस गंभीर मसले पर वह कानून की मामूली धाराएं लगाकर इस पर पर्दा डालने की कोशिश न करें। मौलाना मदनी ने कहा कि बेहद दुखद पहलू है कि वर्तमान में हमारा प्यारा देश हेट स्पीच का केंद्र बनता जा रहा है। पूर्व में इस परिस्थिति की रोकथाम पर ध्यान नहीं दिया गया तो आज देश का वातावरण इतना दूषित हो गया है कि अब सुरक्षा संस्थान यहां तक कि ज्ञान का मंदिर कहे जाने वाले स्कूल भी इसका शिकार हो रहे हैं।

मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि किसी भी प्रकार के भेदभावपूर्ण रवैये, उत्पीड़न या हिंसा के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए और इस नीति से सभी कर्मचारियों और छात्रों को सूचित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही विविधता, समावेशन और सांस्कृतिक संवेदनशीलता प्रशिक्षण भी आवश्यक है।

उधर, जमीयत उलमा मुजफ्फरनगर के प्रतिनिधिमंडल ने जिला सचिव कारी मो. जाकिर के नेतृत्व में पीड़ित छात्र के परिवार से उनके घर जाकर मुलाकात की। उन्होंने संगठन की ओर से हर संभव मानवीय एवं नैतिक सहयोग का आश्वासन दिया।

समीर चौधरी।

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