देवबंद: बज्म-ए-गुलिस्तान-ए-अदब के तत्वावधान में शेरी नशिस्त का आयोजन हुआ। इसमें शायरों ने सुंदर कलाम सुनाकर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी।
खानकाह मोहल्ले में युवा शायर वली वकास के आवास पर नात ए पाक से शुरू हुई शेरी नशिस्त में शायर नदीम शाद ने कुछ यूं कहा ‘खला ये जिसमें उड़ते हो वो भर देगा किसी दिन, जमीन और आसमान वो एक कर देगा किसी दिन’ मा. शमीम किरतपुरी का अंदाजे बयां कुछ यूं था ‘खत्म जिस दिन चाहतों का सिलसिला हो जाएगा, जिंदगानी का सफर एक बोझ सा हो जाएगा’ युवा शायर वली वकास ने पढ़ा ‘ख्वाब ये है कि तुझे ख्वाब में देखूं लेकिन, आंख खुलते ही बिछडऩे का ख्याल आता है’ डा. काशिफ अख्तर के इस शेर ‘गले लगा के मुझे दे गया महक अपनी, और अपने साथ मेरी याद ले गया काशिफ’ पर श्रोताओं ने खूब दाद दी। इनके अलावा जुहैर अहमद जुहैर, जकी अंजुम, मौलाना अफ्फान, असजद मिर्जा, समीर मिर्जा, नाहिद उस्मानी, उजैर अनवर ने भी सुंदर कलाम पेश किए। अध्यक्षता शमीम किरतपुरी व संचालन डा. काशिफ अख्तर ने किया। संयोजक व संस्था अध्यक्ष नबील मसूदी ने सभी का आभार जताया। माविया खालिद, शिराज अहमद, अयाज कासमी, मौलाना अहमद आदि मौजूद रहे।
समीर चौधरी/महताब आज़ाद।
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