देवबंद: ध्यान एवं योग गुरु स्वामी दीपांकर महाराज द्वारा निकाली जा रही भिक्षा यात्रा रविवार को रणखंडी गांव पहुंची। जहां ग्रामीणों ने गर्मजोशी के साथ यात्रा का भव्य स्वागत किया। स्वामी दीपांकर महाराज ने जातियों में नहीं बंटकर एक सनातनी होने का संकल्प लोगों को दिलाया।
भिक्षा यात्रा के 262वें दिन रणखंडी में हुए कार्यक्रम में स्वामी दीपांकर महाराज ने कहा कि वह अन्न या रुपये पैसे की भिक्षा नहीं मांग रहे, बल्कि उनका मकसद जातियों से ऊपर उठकर हिंदुओं को एक करना है। स्वामी दीपांकर ने बताया कि आठ माह से भी अधिक समय से वह गांव दर गांव और लोगों के घरों में पहुंच उनसे एक सनातनी होने की भिक्षा मांग रहे है। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने का आह्वान करते हुए कहा कि नशा एक धीमा जहर है, इसलिए हमें नशा त्याग कर एक आदर्श जीवन जीना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने ग्रामीणों से हाथ उठवाकर एक थे, एक हैं और एक रहेंगे का संकल्प दिलाया। इस दौरान स्वामी दीपांकर महाराज का ग्रामीणों ने जगह जगह पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया और अपने संकल्प पर अटल रहने का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।
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