रोजेदारों ने चिलचिलाती धूप में ने अदा की रमजान के चौथे जुमे की नमाज, उलेमा ने बयान की तीसरे अशरे की फजीलत, मुल्क में अमन-चैन की दुआएं मांगी, जम कर की ईद की खरीदारी।

देवबंद: रमजान मुबारक के चौथे जुमे को शहर की मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ उमड़ी। चिलचिलाती धूप में रोजेदारों ने अकीदत के साथ नमाज अदा की। इस दौरान मस्जिद के इमामों ने रमजान के तीसरे अशरे और मुकद्दस रमजान की फजीलत बयान कर मुल्क में अमन-चैन की दुआ की।
शहर की जामा मस्जिद और मस्जिद ए रशीद सहित सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई। शदीद गर्मी और तेज धूप के बावजूद जुमे की नमाज के लिए मस्जिदों और यहां तक कि छतों पर नमाज़ अदा की गई। जुमे की नमाज के लिए सभी मस्जिदों में व्यापक इंतजाम किए गए। नमाज अदा करने के बाद रोजेदारों ने मुल्क में अमन-चैन की दुआएं मांगी। 

मस्जिद रशीद में मुफ्ती कारी अफ्फान मंसूरपुरी ने नमाज के बाद लोगों से खिताब में फरमाया कि ईद-उल-फित्र से पहले सदका फित्र अदा करना हर सहिबे-ए-निसाब पर वाजिब है। यदि यह गेहूं या उसके आटे या सत्तू के जरिए अदा किया जाए तो भी परिवार के प्रति व्यक्ति के हिसाब से 2 किलो 45 ग्राम निकालना होगा और यदि खजूर या मुनक्के या जौ या उसके आटे या सत्तू से अदा करना चाहे तो 4 किलो 90 ग्राम निकालना होगा। उन्होंने कहा कि रमजान का महीना धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है। इसलिए इस बरकतों व रहमतों वाले महीने में खूब इबादत करो और अपनी मगफिरत की दुआ करो।
अंत में मुल्क में अमन-चैन के लिए दुआ की गई। नमाज के बाद लोग ईद की खरीदारी के लिए बाजार में निकले। रमजान का जुमा होने के चलते पूरे दिन बाजार में काफी चहल-पहल दिखाई दी।
मस्जिद छत्ता में जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी ने दरूद शरीफ की अहमियत बयान की और  आह्वान किया कि अल्लाह और उसके रसूल के साथ मोहब्बत रखना है तो गुनाहों को छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रमजान माह में अल्लाह रब्बुल इज्जत स्वंय रोजेदारों की इबादतों का सवाब देता है। उन्होंने कहा कि अगर हमने अपने गुनाहों को छोड़ने की आदत नहीं डाली तो हमारे गुनाह हमारी इबादतों को मिटा देंगे। मौलाना ने कहा कि अपने आप को गुनाहों से बचाओ और मेहनत और हलाल की कमाई करने वालों की ही अल्लाह रब्बुल इज्जत इबादत कबुल करते हैं।
नमाज के बाद उन्होंने आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने के साथ रमजान में इबादतों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अपने अपने पड़ौस का ख्याल रखना चाहिए चाहे वह किसी भी मजहब के क्यों ना हो। वहीं मरकजी जामा मस्जिद में मुफ्ती अख्यार इलाही ने नमाज़ अदा कराई।
दारुल उलूम की कदीम मस्जिद, आदीनी मस्जिद, काजी मस्जिद, मोहल्ला पठानपुरा की जामा मस्जिद, मोहल्ला किला की जामा मस्जिद समेत नगर की अन्य प्रमुख मस्जिदों में पेश-इमाम ने नमाज-ए-जुमा अदा कराई। देहात की जामा मस्जिदों में नमाज-ए-जुमा अदा होने के बावजूद बड़ी संख्या में ग्रामीणो ने देवबंद पहुंच कर जुमा की नमाज अदा की।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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