अखिलेश को कितना फायदेमंद चंद्रशेखर का साथ? बसपा के दलित वोटों में क्या कर सकेंगे सेंधमारी।

लखनऊ: (शिब्ली रामपुरी) राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के बाद अब अखिलेश यादव ने चंद्रशेखर को भी अपने साथ ले लिया है. अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर एक साथ एक मंच पर नजर आए. जिसके भविष्य की राजनीति में कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं कि क्या अखिलेश यादव को चंद्रशेखर से दोस्ती फायदेमंद साबित होगी?

 दरअसल ये आईने की तरह साफ है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव दलित वोटों को अपने साथ करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं कुछ वक्त पहले उन्होंने कांशीराम की प्रतिमा का भी अनावरण किया था जिसके बाद बहुजन समाज पार्टी की ओर से उन पर तीखे वार करते हुए इसे समाजवादी पार्टी की नौटंकी करार दिया गया था. ऐसे में समाजवादी पार्टी अब रालोद के साथ-साथ भीम आर्मी को भी साथ लेकर निकाय चुनाव में गठबंधन का फार्मूला तैयार कर चुकी है और तकरीबन अब इस पर मुहर लगनी बाकी है यह तय होना बाकी है कि इस चुनाव में भीम आर्मी/आज़ाद समाज पार्टी के खाते में कितनी सीटें आती हैं. यदि निकाय चुनाव में यह फार्मूला कामयाब रहा तो फिर लोकसभा चुनाव में चंद्रशेखर एक मजबूत लीडर के तौर पर उभर कर सामने आएंगे।

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