मोहल्ला खानकाह में हुआ महफिल-ए-मुशायरे का आयोजन, शायरों ने पढ़ा एक से बढ़कर एक कलाम।

देवबंद: नगर के मोहल्ला खानकाह में महफिल-ए-मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें युवा शायर वली वकास ने पढ़ा..ख्वाब ये है कि तुझे ख्वाब मे देखूं लेकिन, आंख खुलते ही बिछड़ने का ख्याल आता है। सुनाकर देर रात्रि तक जमकर वाहवाही लूटी। 

रविवार को वली वकास के आवास पर आयोजित हुए मुशायरे की शुरुआत नदीम अनवर की नात-ए-पाक से हुई। इसमें उस्ताद शायर जुहैर अहमद जुहैर ने अपने दिल के जज्बात बयां करते हुए कहा..ये अलग बात की इजहार नहीं कर सकते, हम तेरे इश्क से इंकार नहीं कर सकते। काशिफ अख्तर ने कुछ यूं कहा..गले लगा के मुझे दे गया महक अपनी, और अपने साथ मेरी याद ले गया काशिफ। कामरान आदिल आज कल बेकरार आंखे हैं, किस जुनूं का शिकार आंखें हैं। अरशद जिया ने कुछ यूं कहा..आने से उसके ऐसी चमक उठी जिंदगी, जैसे किसी ने टाट में रेशम लगा दिया, सुनाकर जमकर दाद बटोरी। इनके अलावा नदीम अनवर आदि ने भी अपना कलाम पेश किया। अध्यक्षता कन्नौज के शायर मास्टर हारुन व संचालन उजैर अनवर ने किया। इसमें माविया खालिद, अय्याज कासमी, शिराज अहमद, मेराज चौधरी, मो. सरफराज, नबील मसूदी और मौलवी शुऐब आदि मौजूद रहे। 

समीर चौधरी।

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