देवबंद: जमीयत उलमा-ए-हिंद की बैठक में इस्लाही मुआशरा (समाज सुधार) कांफ्रेंस करने को लेकर विचार मंंथन किया गया। साथ ही जमीयत अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में अधिवेशन के दौरान दिए गए बयान का भरपूर समर्थन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि कुछ लोग हित साधने के लिए उनके बयान पर बवाल मचा रहे हैं।
बृहस्पतिवार को तलहेड़ी बुजुर्ग में अबुल कलाम त्यागी के आवास पर आयोजित हुई जमीयत उलमा-ए-हिंद की बैठक में संयोजक मौलाना मुफ्ती खादिमुल इस्लाम ने कहा कि वर्तमान में समाज के अंदर जुआ, सट्टा, झूठ बोलना नशाखोरी और इबादत में कोताही करने सहित बहुत सारी बुराईयां फैल चुकी हैं। जिस कारण मुसलमानों को विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद समाज सुधार की मुहिम चलाए हुए हैं। सभी को इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए हर मुमकिन प्रयास करना चाहिए। मोहम्मद रकबान त्यागी ने कहा कि 12 फरवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित जमीयत के अधिवेशन में मौलाना सैयद अरशद मदनी ने जो बयान दिया था वह मजहब-ए-इस्लाम के मानने वालों के अनुसार दुरुस्त है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण कुछ लोग अपना कद ऊंचा करने के लिए मौलाना मदनी के बयान को तूल देकर देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और जैनी भाईचारे को खत्म करने की नापाक कोशिश कर रहे हैं। जिसे किसी कीमत पर सही नहीं ठहराया जा सकता है। बैठक में नगर उपाध्यक्ष कारी हाजी मो. गुलफाम, मौलाना मुफ्ती अखलाक कासमी, कुलहिंद इस्लाही मुआशरा के प्रभारी मौलाना सैयद अजहर मदनी, मौलाना सैयद हबीबुल्लाह मदनी के निर्देशानुसार जल्द ही इस्लाही मुआशरा (समाज सुधार) पर कांफ्रेंस का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। जिसमें उलमा व मस्जिदों के इमामों को आमंत्रित किया जाएगा। इसमें अब्दुल खालिक, मो. असलम, मो. उस्मान, मो. इरशाद, जमशेद अली, अब्दुल्लाह, नौशाद, शहजाद, उमर, मो. गुलशेर, मो. तारिक आदि मौजूद रहे।
समीर चौधरी।
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