देवबंद: इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम के किरात विभाग के पूर्व अध्यक्ष कारी अबुल हसन आजमी के सम्मान में बृहस्पतिवार को महफिल-ए-किरात कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें देश के कोने-कोने से कारी शामिल हुए। जिन्होंने बेहतरीन आवाज में किरात सुनाकर सभी को दिल जीत लिया।
कासिमपुरा रोड स्थित ईदगाह मैदान में कारी अबुल हसन आजमी के शिष्यों (शार्गिदों) की ओर से आयोजित किए गए कार्यक्रम में दारुल उलूम की सुप्रीम पावर मजलिस-ए-शूरा के सदस्य मास्टर अंजर हुसैन मियां साहब व ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना नदीमुल वाजदी ने संयुक्त रुप से कहा कि कारी अबुल हसन ने अनेकों ऐसी पुस्तकें लिखी हैं, जिनसे आज युवा पीढ़ी लाभांवित होकर किरात में महारात हासिल कर रही है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कारी साहब के हजारों शिष्य हैं। जो किरात के सिलसिले को आगे बढ़ा रहे हैं।
गुजरात के कारी मो. सिद्दीक ने कहा कि कारी अबुल हसन आजमी ने मुश्किल वक्त में भी कभी हिम्मत नहीं हारी। वह हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलते रहे। यही वजह है कि आज उनके शिष्यों ने उन्हें देवबंद की सरजमीन पर आकर सम्मान दिया है। कार्यक्रम में दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी व दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने अपना संदेश भिजवाया। जिसमें कारी अबुल हसन की सेवाओं की सराहना की गई। साथ ही कहा गया कि एक ही विषय पर 136 से अधिक पुस्तकें लिखना। यह कमाल सिर्फ कारी अबुल हसन ही कर सकते हैं। इस दौरान शिष्यों द्वारा कारी अबुल हसन आजमी को सम्मानित किया गया। इसमें कार्यक्रम संयोजक कारी याकूब गुजराती, कारी अब्दुल रहमान, मौलाना मुकीमुद्दीन, अब्दुल्लाह इब्ने कमर, कारी अब्दुल अजीज, कारी शफीकुर्रहमान, कारी वासिफ, कारी सैयद इरशाद, मुफ्ती बिलाल, कारी हिदायतुल्लाह, कारी रियाज आदि मौजूद रहे।
समीर चौधरी।
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