लिंक नहर की पटरी टूटने से किसानों की सैंकड़ों बीघा फसलें बर्बाद, कई जानवर भी पानी में बह गए, घंटों बाद ली अधिकारियों ने सुध, किसानों में नाराजगी।

देवबंद: शुक्रवार की रात लिंक नहर की पटरी टूटने से किसानों की सैंकड़ों बीघा फसलें बर्बाद हो गई, वहीं कई जानवर भी पानी में बह गए, शनिवार की सुबह अधिकारियों ने मौके पर पहुंंचकर टूटे तटबंध को दुरूस्त कराने का काम आरंभ कराया।
देवबंद के रास्तम गांव के किसानों ने बताया कि करीब एक पखवाड़े से बंद चल रही रुड़की लिंक नहर में गुरुवार की सुबह ही पानी छोड़ा गया था। नहर के दोनों तरफ पटरी बनाने का काम चल रहा है। जो पिछले दो-तीन दिन से बंद पड़ा है।
शुक्रवार की रात्रि करीब तीन बजे नहर की पटरी अचानक टूट गई। जिससे आसपास के खेतों में खड़ी सैकड़ों बीघा गेहूं, सरसों व गन्ना आदि फसले जलमग्न होने से बर्बाद हो गई। किसानों का आरोप है कि रात्रि तीन बजे से ही वह नहरी विभाग के अधिकारियों को फोन कर रहे हैं लेकिन फोन रिसीव नहीं किया गया। पानी का बहाव इतना तेज है कि सुनील के खेत में भेड़ वाले अनिल धारियो ने अपना डेरा लगा रखा था जिसमें मौजूद 50 भेड़ भी पानी में बह गई है। 

शनिवार की सुबह करीब 9 बजे नहर विभाग के बेलदार अनिल कुमार व पतरोल बॉबी कुमार मौके पर पहुंचे और उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया। किसानों ने प्रशासन से नुकसान का सर्वे कराकर पीडि़तों को मुआवजा दिलाने की मांग की है। बाद में विभाग के जेई समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिन्होंने नहर का पानी बंद कराकर टूटी पटरी की मरम्मत का कार्य आरंभ कराया।

समीर चौधरी।

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