मुफ्ती असद कासमी के बयान पर सामाजिक कार्यकर्ता अंबर ज़ैदी का पलटवार, मुफ्ती के बयानों को बताया देश के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश।

सहारनपुर: (शिब्ली रामपुरी
देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी द्वारा हाल ही में जन्मदिन पर एक बयान दिया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि जन्मदिन मनाना खुराफात है और यह ईसाइयों का तरीका है जिसे मुसलमानों को नहीं अपनाना चाहिए. अब उनके इस बयान पर मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और फिल्म निर्देशक अंबर ज़ैदी ने कहा है कि मुफ्ती असद क़ासमी को इस तरह के फतवे /बयान देकर सुर्खियों में रहने की आदत है और वह आए दिन इस तरह के फतवे देते रहते हैं।
 उन्होंने कहा कि भारत एक स्वतंत्र देश है जहां पर एक सामाजिक ताना-बाना है उसे तोड़ने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए इसलिए जरूरी है कि इस तरह के फतवे और बयान नहीं दिए जाए कि जिससे आपसी सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचता हो. अक्सर कई टीवी चैनलों की डिबेट में नजर आने वाली अंबर जैदी ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाजी पर रोक लगाई जानी चाहिए भारत में सबको अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का पूरा अधिकार है।

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