देश की वर्तमान परिस्थितियों और मुसलमानों की विभिन्न मुद्दों को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में 10 फरवरी से आयोजित होगा जमीअत उलमा-ए-हिंद का 34वां तीन दिवसीय महाधिवेशन।

नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद का 34वां महाधिवेशन 10 फरवरी 2023 को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में शाम 5 बजे से आरंभ होगा। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले इस अधिवेशन का अंतिम सत्र आम सभा के रूप में 12 फरवरी रविवार प्रातः 9 बजे होगा, जिसमें बड़ी संख्या में देश भर से लोग शामिल होंगे। अधिवेशन की आम सभा में धर्म और समुदाय के भेदभाव के बिना देश के सभी वर्गों के प्रतिष्ठित लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। 

जमीअत उलमा हिंद की ओर से बताया गया है कि यह अधिवेशन देश की वर्तमान स्थिति विशेष रूप से देश में बढ़ते नफरती अभियान, इस्लामोफोबिया, नरसंहार की धमकियों, स्वतंत्र इस्लामी मदरसों के संबंध में जारी सरकारी कार्रवाइयों की पृष्ठीभूमि में बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त अधिवेशन में मुसलमानों के लिए आरक्षण, अल्पसंख्यकों के शैक्षिक और आर्थिक अधिकारों और मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के उपायों पर कार्य योजना तय की जाएगी। साथ ही इस्लामी शिक्षाओं के संबंध में गलतफहमी को दूर करने, मीडिया के माध्यम से इस्लाम विरोधी और पवित्र पैगंबर की शान में गुस्ताखी एवं अपमान की घटनाओं को रोकने के उपायों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। उपरोक्त सभी विषय महा अधिवेशन के एजेंडे में भी शामिल हैं। 

10 फरवरी को मगरिब की नमाज के बाद पहले सत्र और 11 फरवरी को सुबह 9 बजे से 1 बजे तक दूसरे सत्र में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की केंद्रीय और प्रांतीय प्रबंधन समितियों के सदस्य एवं आमंत्रित लोग शामिल होंगे। 11 फरवरी को मगरिब की नमाज के बाद पैगंबर मोहम्मद की स्तुति के लिए एक नातिया मुशायरे का आयोजन किया जाएगा। 12 फरवरी को प्रातः 9 बजे से आम सभा में पिछले सत्रों में पारित किए गए महत्वपूर्ण प्रस्तावों को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंध रखने वाले प्रमुख व्यक्ति भाग लेकर अपने विचार व्यक्त करेंगे और निर्णय लिए जाएंगे।

समीर चौधरी।

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