साहिब श्री गुरू रामदास के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा साहिब में किया गया कीर्तन दरबार का आयोजन।
देवबंद: साहिब श्री गुरू रामदास के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में बुधवार को गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। रागी जत्थे ने गुरबाणी गायन कर संगत को निहाल किया।
रेलवे रोड स्थित गुरुद्वारा श्री गुरूनानक सभा में आायेजित कार्यक्रम में ज्ञानी हरदयाल सिंह (मलेशिया) ने कहा कि गुरू रामदास जी का जन्म वर्ष 1534 को माता दया कौर व पिता हरिदास जी के घर चूना मंडी लाहौर में हुआ था। गुरू जी का बचपन का नाम भाई जेठा जी था। गुरु जी ने जीविका के लिए उबले हुए चने बेचकर गुजारा चलाया। तीसरे गुरू अमरदास जी ने अपनी बेटी भानी जी की शादी उनके साथ की। गुरू रामदास जी ने अमृतसर नगर बसाया और वहां सरोवर के बीच में हरमंदिर साहिब की स्थापना की। जहां प्रतिदिन लाखों लोग नतमस्तक होते है।
गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार व सचिव गुरजोत सेठी ने रागी जत्थे व संगत का आभार जताया। लंगर सेवा के लिए स. जसवंत सिंह को सिरोपा व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कुलभूषण छाबड़ा, सचिन छाबड़ा, चंद्रदीप सिंह, बलदीप सिंह, राजन छाबड़ा, हरविंदर सिंह बेदी, श्याम लाल भारती, सतीश गिरधर, हरजीत सिंह पनियाली आदि मौजूद रहे।
समीर चौधरी/महताब आज़ाद।
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