वायरल वीडियो में सामने आया यूपी पुलिस का बेहद अमानवीय चेहरा, हिरासत में लिए गए युवाओं पर बरसाई लाठियां, गरमाई सियासत, अखिलेश यादव सहित नेताओं और पत्रकारों ने योगी सरकार पर खड़े किए सवाल।

वायरल वीडियो में सामने आया यूपी पुलिस का बेहद अमानवीय चेहरा, हिरासत में लिए गए युवाओं पर बरसाई लाठियां, गरमाई सियासत, अखिलेश यादव सहित नेताओं और पत्रकारों ने योगी सरकार पर खड़े किए सवाल।
सहारनपुर: सहारनपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भाजपा नेता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर निकाले गए जुलूस के दौरान अचानक भीड़ बेकाबू हो गई थी। इस दौरान कई जगह पर तोड़फोड़ भी की गई जिसके बाद पुलिस ने दर्जनों लोगों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी, जहां अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया वहीं कई के घरों पर बुलडोजर चलाया गया, साथ ही एसएसपी सहारनपुर ने रासुका के तहत कार्रवाई करने की बात कही है।
लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो में यूपी पुलिस का बेहद अमानवीय चेहरा देखने को मिला है। करीब 30 सेकेंड के इस वीडियो को लेकर दावा किया गया है कि ये उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का है, हालांकि एसएसपी सहारनपुर ने कहा कि इस वीडियो की जांच कराई गई है और जांच में सामने आया है कि ये सहारनपुर का नहीं है। 
वायरल वीडियो में दो  पुलिस कर्मी हिरासत में लिए गए करीब 8 से 10 युवकों पर बेरहमी से लाठी बरसाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद हर और इसकी चर्चा हो रही है। इस वीडियो पर सियासत भी तेज हो गई है और विपक्ष इसको लेकर योगी सरकार पर हमलावर है।
भाजपा विधायक और सीएम योगी के मीडिया सलाहकार रहे शलभ मणि त्रिपाठी द्वारा "बलवाईयों को रिटर्न गिफ्ट" लिख कर ट्विटर पर यह वीडियो शेयर करने के बाद देश के जाने-माने पत्रकारों और नेताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे संविधान और मानव अधिकारों का खुला उल्लंघन बताया।
 
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस वीडियो को लेकर योगी सरकार के न्याय पर सवाल खड़ा किया है। अखिलेश यादव ने लिखा है कि उठने चाहिए ऐसे हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ खो देगा अपना इकबाल। यूपी हिरासत में मौत के मामले में नंबर वन, यूपी मानवाधिकार हनन में अव्वल, यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे।
वहीं पूर्व मंत्री आजम खां के पुत्र विधायक अब्दुल्लाह आजम ने लिखा है कि नाम, होलिया और पहचान, बस इस खता पर एक कमजोर कौम के साथ यह जुल्म इंसानियत के नाम पर एक बदनुमा दाग है।
वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम, साक्षी जोशी, आरफा खानम शेरवानी, जाकिर हुसैन त्यागी और सोमनाथ भारती एडवोकेट जैसे जाने-माने लोगों ने इसे संविधान और मानव अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए शलभ मणि त्रिपाठी को भी संविधान का पाठ पढ़ाया। यह वीडियो सहारनपुर की सिटी कोतवाली का होने का दावा किया जा रहा है, हालांकि सहारनपुर पुलिस की ओर से इस वीडियो के संबंध में किसी भी तरह की पुष्टि या खंडन अभी तक सामने नहीं आया।
देवबंद टाइम्स इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है लेकिन शनिवार को यह वीडियो भाजपा नेता और विधायक शलभ मणि त्रिपाठी द्वारा ट्वीटर पर डालने के बाद वायरल हुआ है जो तेजी से लोगों के मोबाइल फोन में फैल रहा है।

अपडेट। 
एसएसपी सहारनपुर आकाश तोमर ने कहा कि जांच में सामने आया है कि यह वीडियो सहारनपुर का नहीं है। उन्होंने बताया कि वीडियो की जांच कराई गई है और सोशल मीडिया पर किया गया दावा गलत है, ये वीडियो सहारनपुर का नहीं बल्कि कहीं और का है। अब भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने भी इस वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट से डिलीट कर दिया।

समीर चौधरी।

Post a Comment

0 Comments

देश