न इमरान न मसूद, आजम खान के करीबी शाहनवाज खान बनेंगे एमएलसी, जिले के कई नेताओं और उनके समर्थकों को लगा बड़ा झटका।

न इमरान न मसूद, आजम खान के करीबी शाहनवाज खान बनेंगे एमएलसी, जिले के कई नेताओं और उनके समर्थकों को लगा बड़ा झटका।
लखनऊ/सहारनपुर: कई तरह की सियासी अटकलों के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सभी विधान परिषद के चारों प्रत्याशियों के नाम घोषित करके उनके पर्चे दाखिल करा दिए हैं। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या को अखिलेश यादव द्वारा भाजपा छोड़ कर सपा में आने का इनाम दिया गया है जबकि सहारनपुर के कई नेताओं को बड़ा झटका लगा है और यहां से पूर्व मंत्री आजम खान के करीबी साथी पूर्व राज्य मंत्री सरफराज खान के बेटे शाहनवाज खान उर्फ शब्बू को सपा ने विधान परिषद भेजने का फैसला किया है। जिससे सहारनपुर में विधान परिषद जाने की बाट जोह रहे कई नेताओं के चेहरे लटक गए।
बुधवार को लखनऊ में अखिलेश यादव की मौजूदगी में स्वामी प्रसाद मौर्य, मुकुल यादव मैनपुरी और सहरानपुर से शाहनवाज खान शब्बू व पूर्व विधायक जासमीर अंसारी सीतापुर के पर्चे दाखिल किए गए। इन सभी का विधान परिषद जाना लगभग तय है। खास बात यह है कि अखिलेश यादव ने जहां एक मौर्या और एक यादव को टिकट दिया है वही दो मुस्लिमों को विधान परिषद भेजने का फैसला किया है और यह दोनों आज़म खान के करीबी बताए जाते हैं।

सपा प्रमुख के फैसले से सहारनपुर के नेताओं को लगा बड़ा झटका।
अखिलेश यादव के इस फैसले से सहारनपुर के कहीं नेताओं को बड़ा झटका लगा है, राज्यसभा के बाद विधान परिषद जाने की उम्मीद लगाए बैठे जिले के कई वरिष्ठ नेताओं पर शाहनवाज खान को प्राथमिकता दिए जाना से उनके समर्थकों में रोष देखने को मिल रहा है लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अखिलेश यादव आजम खान को लेकर हुई गलतियों को सुधारने और डैमेज कंट्रोल करने के लिए आजम खान के करीबियों को प्राथमिकता दे रहे हैं, कपिल सिब्बल और जावेद अली खान को राज्यसभा भेजना, आसिम रजा को रामपुर लोकसभा उपचुनाव का टिकट और अब आजम खान के करीबी और पुराने साथी सरफराज खान के बेटे शाहनवाज खान उर्फ शब्बू को विधान परिषद भेजने का फैसला उसी डैमेज कंट्रोल का एक हिस्सा है।
हालांकि सहारनपुर में वरिष्ठ सपा नेता और पूर्व विधायक इमरान मसूद के विधान परिषद जाने की खबरें गर्म थी और कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसे दावे किए गए थे कि लगभग इमरान मसूद का नाम फाइनल है, वहीं चौधरी इंद्रसेन और पूर्व विधायक मसूद अख्तर सहित ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त थी, जिनके समर्थक बड़े-बड़े दावे कर रहे थे कि उनके नेता का विधान परिषद जाना लगभग तय है लेकिन आखिरी समय में अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए कदम से इन सभी नेताओं के साथ-साथ इनके समर्थकों को भी गहरा झटका लगा है, अब देखने वाली बात यही होगी कि इन नेताओं का अगला कदम क्या होगा?
इतना तो लगभग तय है कि अब अखिलेश यादव किसी भी कारण पूर्व मंत्री आजम खान को नाराज करना नहीं चाहते हैं, अभी अखिलेश यादव द्वारा लिए जा फैसलों से कम से कम यही महसूस हो रह है।

जासमीर अंसारी को भी आजम खान की नजदीकी का मिला फायदा।
बसपा से पूर्व विधायक रहे और सीतापुर के कस्बा लहरपुर की नगर पालिका परिषद के वर्तमान चेयरमैन जासमीर अंसारी को भी आजम खान के करीबी होने का फायदा मिला है। पूर्व लोकसभा सांसद कैसर जहां के पति जासमीर अंसारी पिछले काफी समय से समाजवादी पार्टी में है और उन्हें आजम खान के करीबियों में गिना जाता है।

समीर चौधरी।

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