मशहूर लेखक प्रोफेसर डॉ. ज़ेड हसन की शोध पुस्तक "मिर्जा गालिब और जॉन कीट्स" का बुद्धिजीवियों और उलेमा के हाथों विमोचन।

मशहूर लेखक प्रोफेसर डॉ. ज़ेड हसन की शोध पुस्तक "मिर्जा गालिब और जॉन कीट्स" का बुद्धिजीवियों और उलेमा के हाथों विमोचन।
देवबंद: मशहूर लेखक प्रोफेसर डॉ. ज़ेड हसन (जहीर हसन) की शोध पुस्तक "मिर्ज़ा ग़ालिब और जॉन कीट्स" का विमोचन ईदगाह रोड पर स्थित शेख उल हिंद हाल में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान किया गया।
मूल रूप से देवबंद निवासी प्रोफेसर डॉक्टर जेड हसन मथुरा ईदगाह मस्जिद की कमेटी के अध्यक्ष है और देश के जाने-माने लेखक हैं। गत रात्रि उनकी पुस्तक "मिर्जा गालिब और जॉन कीट्स" (फिकरो फन का तक़ाबुली मुताला) के उर्दू अनुवाद का विमोचन नगर के बुद्धिजीवियों उलेमा और गणमान्य लोगों के हाथों हुआ। इस दौरान लेखक को शाल ओढ़ाकर और ट्राफी भेंटकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की मशहूर लेखक और दारुल उलूम देवबंद के पूर्व उस्ताज क़ारी अबुल हसन आज़मी और संचालन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डॉक्टर उबैद इकबाल आसिम ने किया। डॉक्टर उबैद इकबाल आसिम ने लेखक की संपूर्ण जीवनी पर प्रकाश डाला।
क़ारी अबुल हसन आज़मी ने कहा कि "डॉक्टर ज़ेड हसन का सम्बंध देवबन्द की ज़रख़ेज़ मिट्टी से है। इन्होंने अलीगढ़ में शिक्षा प्राप्त की और कृष्ण नगरी मथुरा को कर्मस्थली बनाया।उनकी यह शोध पुस्तक अदभुत, अनमोल और बड़ा कारनामा है और उर्दू दुनिया मे प्रथम शानदार प्रयास है"।
वरिष्ठ लेखक व आलिमे दीन मौलाना नदीम उल वाजदी ने  अपने सम्बोधन में कहा कि "ग़ालिब की तुलना और दुनिया की हर भाषा और उसके कवियों, शायरों और पोएट्स से हुई है लेकिन जॉन कीट्स से उनका तुलनात्मक अध्ययन पहली बार हुआ है, जिसमे लेखक ने 490 पेज पर मेहनत, लगन से अपने शोध कार्ये को अंजाम दिया है। पुस्तक का तुलनातमक अध्ययन पाठकों के लिए नए दरवाज़े खोलेगा"।
दारुल उलूम वक्फ देवबंद के उस्ताज़ और वरिष्ठ लेखक मौलाना नसीम अख़्तर शाह क़ैसर ने कहा कि "तुलनातमक अध्ययन यदि गध से गध में हो तो उचित होता है। दूसरी भाषा के अनुवाद में सार दम तोड़ देता है, मगर डॉक्टर ज़ेड हसन ने इसका भरपूर ख़्याल रखते हुए बड़ा कारनामा अंजाम दिया है"। इनके अलावा पूर्व पालिकाध्यक्ष इनाम क़ुरैशी और वरिष्ठ लेखक कमल देवबन्दी ने भी पुस्तक पर विचार प्रकट करते हुए मिर्जा गालिब और जॉन कीट्स की शायरी पर प्रकाश डाला साथ ही किताब के लेखक के संबंध में थी जानकारी दी।
बता दें कि इंग्लिश के मशहूर शायर जॉन कीट्स ने मात्र 26 साल की आयु पाई है, मगर इंग्लिश साहित्य में आज 200 वर्ष बाद भी उनको याद किया जाता है।
डॉक्टर ज़ेड हसन का सम्बंध देवबंद के क़दीम अंसारी परिवार से है। आरंभिक शिक्षा देवबन्द में पूर्ण करने के पश्चात अलीगढ़ से "गांधी और रसकन" पर PHD और बाद में D. lit पूर्ण किया। जिसका अनुवाद यह पुस्तक है। आपने शाही ईदगाह मथुरा की अध्यक्ष पद को सुशोभित किया। वर्तमान में शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष पद पर हैं। के.आर.कॉलेज मथुरा से सेवानिवृत्त डॉक्टर ज़ेड हसन एच. एम.स्कूल के संस्थापक/ प्रबंधक हैं। मथुरा में वार्षिक स्तर पर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न विषयों पर उर्दू सम्मेलनों का आयोजन कराते हैं। 
कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुस्लिम फण्ड देवबन्द मैनेजर सुहैल सिद्दीक़ी, सचिव अनस सिद्दीक़ी, अदील सिद्दीक़ी, सिकन्दर अंसारी, सईद अंसारी, अब्दुर्रहमान सैफ, मुमताज़ अहमद,मौलाना शाह आलम गोरखपुरी, नसीम अंसारी एडवोकेट, सलीम उस्मानी, फाइज सलीम सिद्दिकी, खलील खान, डॉक्टर नौमान, डॉक्टर आजम, मसूद खान राना, शमीम किरतपुरी, मसरूर ठेकेदार अमीर हसन आदि उपस्थित रहे। 
कार्यक्रम को सफल बनाने में फहीम अख्तर सिद्दीकी, नजमुल हसन, साजिद हसन और फैजी सिद्दीकी ने मुख्य भूमिका निभाई। अंत में कार्यक्रम संयोजक साजिद हसन ने सभी का आभार जताया।

समीर चौधरी।

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