डा. रमाकांत के निधन पर लेखक व कवि महताब आजाद ने जताया शोक।

डा. रमाकांत के निधन पर लेखक व कवि महताब आजाद ने जताया शोक।
देवबंद: लेखक व कवि महताब आजाद ने संस्कृत और हिंदी साहित्य में अमूल्य योगदान देने वाले पदमश्री डा. रमाकांत शुक्ल के निधन पर दुख जताया है। 
डॉक्टरेट महताब आज़ाद ने कहा कि उनका चले जाना हिंदी साहित्य का बड़ा नुकसान है। हिंदी के साथ साथ वह उर्दू से भी मोहब्बत रखते थे तथा कहते थे कि भाषा का कोई मजहब नहीं होता है। उनकी कमी हिंदी व उर्दू साहित्य जगत दोनों को हमेशा खलती रहेगी। 
महताब आजाद ने बताया कि उन्होंने डा. रमाकांत के साथ कई बार मंच पर काव्य पाठ किया, जो कि उनके लिए सौभाग्य की बात है।

Post a Comment

0 Comments

देश