सहारनपुर :(शिब्ली रामपुरी) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार का फैसला पलटते हुए किसी भी नए मदरसे को सरकारी अनुदान न देने का फैसला किया है, जिस देवबंदी उलेमा की राय देते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।
बुधवार को सहारनपुर के कारी इस्हाक़ गोरा ने कहा है कि सरकार को साफ करना चाहिए कि आखिर ये अनुदान नहीं देने का फैसला क्यों लिया गया है।
जानेमाने मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अनुदान को लेकर जो सरकार की तरफ से जो आदेश आया है, मदरसा अनुदान को लेकर तो पहले से ही बहुत सारी चीजों पर मौजूदा सरकार में रोक लगी हुई थी, अब सरकार ने उसको बयक़ीदगी से बंद कर दिया है। मैं समझता हूं सरकार ने अगर इसको बंद किया है तो सरकार को अपनी वजह पेश करनी चाहिए थी कि वह इसको किस बुनियाद पर बंद कर रही है। क्या उनके पास बजट नहीं है या इसलिए कि यह मदरसे से मुतालिक मामला है। या फिर कुछ ओर वजह है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार अब राज्य में किसी भी नए मदरसे को अनुदान नहीं देगी. योगी कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में पूर्व की अखिलेश सरकार के फैसले को पलटते हुए नए मदरसों को अनुदान सूची पर लिए जाने की नीति को समाप्त करने का फैसला लिया है।
बता दें कि अखिलेश यादव की सरकार ने अनुदान सूची में शामिल 146 में से सौ मदरसों को शामिल कर लिया था. इसके बाद इन मदरसों का अनुदान भी शुरू कर दिया गया था, जबकि बाकी 46 मदरसों का प्रकरण अभी चल रहा था. इसे लेकर अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि ये मदरसे मानक ही पूरा नहीं कर रहे थे. अब कैबिनेट में इस नीति को ही समाप्त कर दिया गया है तो किसी भी नए मदरसे को अनुदान की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
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