धर्म के नाम पर लोगों को बांटना देश का बड़ा नुकसान, हमारा मुल्क विभिन्न धर्मों का गुलदस्ता: मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, डॉक्टर नवाज देवबंदी ने शायरी से दिया आपसी सद्भाव का संदेश।

धर्म के नाम पर लोगों को बांटना देश का बड़ा नुकसान, हमारा मुल्क विभिन्न धर्मों का गुलदस्ता: मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, डॉक्टर नवाज देवबंदी ने शायरी से दिया आपसी सद्भाव का संदेश।
देवबंद: देश के मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद के दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन पहले चरण में देश भर से आए जमीयत से जुड़े उलेमा देश के हालात और मुस्लिमों के उत्थान को लेकर विभिन्न प्रस्ताव रख रहे है। 
सम्मेलन में दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि हिंदुस्तान एक ऐसा चमन है, जिसमें हर धर्म, नजरिया व संस्कृति के लोग एक साथ आपस में प्यार मोहब्बत से रहते रहे है। उन्होंने कहा कि देश मे विभिन्न धर्मों, नज़रियात ओर तहज़ीब के लोग रहते है। ऐसा पूरी दुनिया मे कहीं नही है। जो विभिन्न धर्मों ओर सोच का गुलदस्ता भारत मे है। लेकिन आज एक अजीब सा माहौल बनाकर देशवासियों को बांटने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जो कि देश की तरक्की के लिए नुकसानदायक है। 
मौलाना मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी ने देश मे सदभावना मंच को मजबूत करने का आह्वान किया। मुल्क के हालात पर कहा कि आपसी सदभावना और सौहार्द सिर्फ हमारी जिम्मेदारी या दबाव नही है यह सबकी जिम्मेदारी है। हमने हमेशा मोहब्बत के पैगाम को मिशन के रूप में किया है। और कभी इस मिशन से पीछे नही हटे है और न हटेंगे। 
उन्होंने आह्वान किया कि सम्मेलन में अमन भाईचारे, मुस्लिम शिक्षा समेत जो भी प्रस्ताव आए, यहां मौजूद लोगों को उन पर संजीदगी से काम करने का संकल्प लेना चाहिए।

नवाज देवबंदी ने शायरी से दिया एकता का संदेश।
सम्मेलन में पहुंचे प्रख्यात शायर डॉक्टर नवाज देवबंदी ने जमीयत के इस आयोजन के प्रशंसा की। इस दौरान उन्होंने आपसी भाईचारे पर शेरो शायरी कर आपसी सद्भाव का संदेश दिया।
इन्होंने रखे प्रस्ताव
सम्मेलन में दारुल उलूम के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना सलमान बिजनौरी ने देश में नफरत के बढ़ते दुष्प्रचार को रोकने के लिए कार्य करने का प्रस्ताव रखा जबकि जमीयत के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत मौलाना कारी उस्मान मंसूरपुरी के पुत्र एवं दारुल उलूम के उस्ताद मुफ्ती सलमान मंसूरपुरी, मुफ्ती हबीबुर्रहमान इलाहाबाद और  मौलाना शमसुद्दीन ने इस्लामोफोबिया की रोकथाम को कार्य करने का प्रस्ताव सम्मेलन में रखा।

समीर चौधरी।

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