सख्त गर्मी में मासूम बच्चों ने रखा पहला रोज़ा, भूखे प्यासे रहकर दिनभर की अल्लाह की इबादत।

सख्त गर्मी में मासूम बच्चों ने रखा पहला रोज़ा, भूखे प्यासे रहकर दिनभर की अल्लाह की इबादत।
            1- अब्दुल हन्नान।  2- अली उस्मानी।
देवबंद: बड़ों के साथ ही नन्हे बच्चे भी रोजे रख अल्लाह को राजी करने में लगे है। गर्मी के बावजूद शुक्रवार को छह साल के मासूम समेत कई बच्चों ने अपना पहला रोजा रखा और पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत की।

मुकद्दस माह रमजान का रोजा इस्लाम धर्म में एक मात्र ऐसी इबादत है जिसका बदला खुद अल्लाह अता करेंगे। यही वजह है कि अकीदतमंदों में पवित्र रमजान को लेकर अलग ही जच्बा नजर आता है। बड़ों के साथ ही बच्चों में भी रोजा रखने की होड़ रहती है। मोहल्ला बैरून कोटला निवासी समाचपत्र विक्रेता मुस्तकीम अंसारी के छह वर्षीय बेटे अब्दुल हन्नान ने अपना पहला रोजा रखा और दिनभर इबादत में लगा रहा। अभिभावक बच्चे का दुलार करते रहे। 
उधर, मोहल्ला दीवान में नौ साल के अली उस्मानी पुत्र मरहूम उबैद उस्मानी ने भी अपना पहला रोजा। इससे परिवार में खुशी का माहौल रहा। दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर ने बताया कि बच्चों को शुरू से ही रोजा रखवाने की आदत डलवानी चाहिए। जो बच्चे बालिग होने के बाद रोजा रखना शुरू करते है उन्हें बड़ी मुश्किल पेश आती है।

समीर चौधरी।

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