तेज रफ्तार गाड़ी की चपेट में आकर बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल, अंडर पास में बनी पार्किंग दे रही हादसों को दावत, अधिकारी से ध्यान देने की मांग।

तेज रफ्तार गाड़ी की चपेट में आकर बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल, अंडर पास में बनी पार्किंग दे रही हादसों को दावत, अधिकारी से ध्यान देने की मांग।
देवबंद: गाड़ी में सवार कई लोगों को सड़क किनारे बैठ कर मेहनत मजदूरी करने वालों की कोई कदर नहीं होती है और यही कारण है कि ऐसे मजदूरो का गाड़ियों की चपेट में आकर जख्मी होना आम बात हो गई है। ताजा मामला देवबंद के एसडीएम कोर्ट के सामने बने फ्लाईओवर के अंडर पास का है, जहां बैठकर मेहनत मजदूरी करने वाले बुजुर्ग मोची को अज्ञात कार सवार ने टक्कर मार दी जिसमें बुजुर्ग गंभीर है से घायल हो गया है, जिस का लोगों की मदद से निजी अस्पताल में उपचार कराया गया जिसके बाद बुजुर्ग एक बार फिर अपने काम पर लौट आया।
एसडीएम कोर्ट के सामने बने फ्लाईओवर के अंडर पास में बैठ कर क्षेत्र के गांव जड़ौदा जट निवासी बुजुर्ग मोची किशनलाल लोगों के जूते बनाकर अपना गुजर-बसर करता है। रविवार की दोपहर तेज रफ्तार अज्ञात गाड़ी अचानक किशन लाल के सामान पर चढ गई, जिसकी चपेट में आकर किशन लाल गंभीर रूप से घायल हो गए और उनके एक पैर में काफी चोटें आई हैं जिसके बाद आनन फानन लोगों की मदद से उन्हें प्राइवेट अस्पताल में लाया गया जहां उपचार के बाद किशनलाल एक बार फिर अपने काम पर लौट आए। अज्ञात गाड़ी चालक गाड़ी लेकर मौके से फरार हो गया।
किशन लाल का कहना है कि वह पिछले काफी दिनों से यहां बैठकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं लेकिन इस तरह के हादसे यहां आम बात होने लगी है, क्योंकि गाडियां खड़ी करने की वजह से अंडरपास में काफी भीड़ रहती है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने बच्चों की ओर से भी काफी परेशान हैं और यही कारण है कि उन्हें इस उम्र में काम करना पड़ता है।

गौरतलब है कि प्रशासन की ओर से भले ही नगर में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा हो लेकिन फ्लाईओवर के नीचे बने अंडरपास को लोग पार्किंग के रूप में प्रयोग कर रहे हैं और फ्लाईओवर के नीचे हर समय बड़ी संख्या में बेढेंगे तरीके से गाड़ियां खड़ी रहती है जिसके कारण आने जाने वाले राहगीरों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन उसके बावजूद अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। क्षेत्र वासियों और राहगीरों ने प्रशासन से इस और ध्यान देने की मांग की है।


समीर चौधरी/रियाज़ अहमद

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