शरीयत के खिलाफ कोई फैसला मंजूर नहीं–ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल, RSS द्वारा गठित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से मुसलमानों को बिल्कुल धोखा नहीं खाना चाहिए।

शरीयत के खिलाफ कोई फैसला मंजूर नहीं–ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल, RSS द्वारा गठित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से मुसलमानों को बिल्कुल धोखा नहीं खाना चाहिए।
 नई दिल्ली: (प्रेस विज्ञप्ति) ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल  की राष्ट्रीय समिति की बैठक केरल के तिरूर में हुई, जिसमें पूरे देश की वर्तमान स्थिति की गहराई से समीक्षा की गई।  विशेष रूप से, भारत में हिजाब के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय के हालिया अन्यायपूर्ण फैसले को इस्लामोफोबिया का हिस्सा बतताते हुए काउंसिल ने कहा मुसलमान शरियत के खिलाफ किसी भी फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे, अदालत को शरियत सिखाने का कोई अधिकार नहीं है। कोई हस्तक्षेप या राय शरियत में संवैधानिक मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।  भारत जैसे अत्यधिक धर्मनिरपेक्ष देश में, जहां सभी धर्मों के लोगों को सभी धार्मिक अधिकार प्राप्त हैं, मुस्लिम समुदाय के साथ ऐसा आंशिक व्यवहार किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।"
 काउंसिल की राष्ट्रीय समिति ने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय का यह बयान कि हिजाब इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है" एक बहुत ही अज्ञानता और पक्षपातपूर्ण निर्णय है।  अदालत का काम फैसला सुनाना नहीं है; बल्कि इंसाफ करना है।  न्याय से बाहर होना अदालत के चेहरे पर एक काला निशान है।”
 राष्ट्रीय काउंसिल समिति में यह भी निर्णय लिया गया कि: "जय श्री राम के नाम पर अन्यायपूर्ण हत्या को पूरे देश में हर कीमत पर रोका जाएगा। 
2002 में RSS द्वारा गठित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (RSS) संगठन से मुसलमानों को बिल्कुल भी धोखा नहीं खाना चाहिए।  आस्तीन में इस सांप के बारे में जनता को जागरूक करना और इसके सभी सदस्यों को पहचानना और सामाजिक रूप से बहिष्कार करना बहुत ज़रूरी है।”
 संघ परिवार द्वारा 1925 से देश में हुए दंगों के परिणामस्वरूप मेरठ के भागलपुर, मुंबई और हाशिमपुरा में और मलियाना में मुसलमानों और दलितों के घरों को चिह्नित करते हुए नरसंहार हुए हैं। केंद्र सरकार की नींव को कमजो़र कर रही है। "द कश्मीर फाइल्स" को सच्चाई का आईना बताकर केंद्रीय सरकार देश की अखंडता की जड़े खोखली कर रही है। द कश्मीर फाइल्स झूठ और दुष्प्रचार पर आधारित है।  इस फिल्म का मकसद मुसलमानों के खिलाफ संघ परिवार के एजेंडे को खुलेआम पेश कर देश में गृहयुद्ध को भड़काना है,  राष्ट्रीय समिति इसकी कड़ी निंदा करती है और इसे देश और देश की जनता के खिलाफ एक खतरनाक साजिश मानती है।  इसलिए इस फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग करती है। साथ ही ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल की राष्ट्रीय समिति सभी भारतीय नागरिकों से इस साजिश, संविधान विरोधी और घृणित गतिविधि के खिलाफ एकजुट होने और आवाज उठाने का आग्रह करती है।

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