होली और शब-ए-बरात के अवसर पर सभी धर्मों के लोग दें एकता और भाईचारे का संदेश: कारी इसहाक गोरा।

होली और शब-ए-बरात के अवसर पर सभी धर्मों के लोग दें एकता और भाईचारे का संदेश: कारी इसहाक गोरा।
देवबंदः इस बार 18 मार्च को होली का त्यौहार पड रहा है तो उसी दिन शब ए बरात भी है साथ ही साथ उसी रोज़ जुमा की नमाज़ भी है ऐसे में उलमा ने शब ए बरात पर बिदअत और ग़ैर शरई कामों से बचने की सलाह देने के साथ तमाम धर्म के लोगों से शब ए बरात, जुमे की नमाज़ और होली के सिलसिले में अपील जारी की है। जमीयत दावतुल मसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने कहा कि हमारा मुल्क गंगा-जमुनी तहज़ीब का मुल्क है, यहाँ एक दूसरे के धार्मिक जज़्बात का ख़्याल रखा जाता है और यहीं इसी मुल्क की पहचान है।
अबकी बार 18 मार्च को शब ए बरात,जुमा और उसी दिन होली भी पड़ रही है लिहाज़ा मेरी तमाम धर्म के मानने वाले भाइयों से अपील है कि वे एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का ख़्याल रखें, आप देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब को अमल में लाएँ और ध्यान रखें उस रोज़ किसी को किसी तरह की दिक़्क़त ना हो।
गोरा ने शब ए बरात पर रोशनी डालते हुए बताया कि शरीयत में शब ए बरात पर इबादत का कोई ख़ास तरीक़ा मुक़र्रर नहीं है, बाज लोग कहते हैं कि ऐसे नमाज़ पढ़ी जाती है वैसे नमाज़ पढ़ी जाती है ये सब मनगड़त बातें हैं इसका शरीयत में कोई वजूद नहीं है। उन्होंने मुसलमानों से शब ए बरात पर बिदअत और ग़ैर शरई कामों से बचने की सलाह दी है।

समीर चौधरी/इकराम अंसारी।

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