लॉकडाउन में 1,400 किलोमीटर स्कूटी चला कर बेटे को वापस लाने वाली मां एक बार फिर चिंतित, अब यूक्रेन में फंसा बेटा, सरकार से मदद की गुहार।
हैदराबाद: 2020 में कोरोना महामारी के चलते देश में लगे लॉकडाउन के दौरान 1,400 किलोमीटर की दूरी स्कूटी से तय करके अपने बेटे को लाकर चर्चा में आई महिला रजिया का बेटा इस बार यूक्रेन में फंस गया है। जहां से रजिया उसे स्कूटी से नहीं ला सकती है इसलिए रजिया ने सरकार से मांग की है कि उसके बेटे को सुरक्षित ढंग से वापस लाया जाए।
लॉकडाउन में महिला ने अपने बेटे को घर लाने के लिए स्कूटर से करीब 1,400 किमी की दूरी तय की थी। अब वह महिला युद्ध प्रभावित यूक्रेन में कई भारतीय छात्रों के साथ अपने 19 वर्षीय बेटे के फंसे होने को लेकर चिंतित है।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ तेलंगाना के निजामाबाद जिले में एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका रज़िया बेगम अपने बेटे निज़ामुद्दीन अमन की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रही हैं। उनका बेटा यूक्रेन के सुमी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में है। सुमी, रूसी सीमा के पास स्थित है और ज्यादातर भारतीय छात्र सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं।
रज़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, राज्य के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली से रूस और यूक्रेन के साथ तनावपूर्ण गतिरोध के बीच अपने बेटे और अन्य भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
रज़िया कहा कि अमन बंकर में रह रहा है और उनसे फोन पर संपर्क कर रहा है। उन्होंने ने कहा, ‘उसने मुझे यह आश्वस्त करने के लिए कॉल किया कि वह ठीक है और मुझे उसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।’ बताया जाता है कि उनका बेटा जिस स्थान पर है, वहां तक परिवहन संपर्क कटा हुआ है।
बता दें कि दो साल पहले, कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाये जाने के बाद रज़िया बेगम ने पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश स्थित नेल्लोर जिले में फंसे अपने बेटे को वापस लाने के लिए स्कूटी 1,400 किमी की लंबी यात्रा की थी। स्थानीय पुलिस की अनुमति लेकर वह अकेले ही नेल्लोर गई थी और अपने बेटे को लेकर लौटी थी।
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