लता जी हमारे मुल्क का गौरव और बेशकीमती धरोहर थी: डा. नवाज़ देवबंदी।
देवबंद: स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से जहां पूरा बॉलीवुड दुखी है। वहीं, साहित्य जगत भी गमजदा है। प्रख्यात शायर डा. नवाज देवबंदी ने भी उनके निधन पर गम का इजहार करते हुए कहा कि लता मंगेशकर का इस दुनिया से अलविदा कह देना गायिकी की दुनिया का सबसे बड़ा नुकसान है। लता मंगेशकर गायिकी का वह कोहिनूर थी। जिसकी चमक कभी कम नहीं होगी।
डा. नवाज देवबंदी की करीब 15 साल पहले लता मंगेशकर से उनके मुंबई स्थित आवास पर मुलाकात हुई थी। यादों के झरोखे से झांकते हुए देवबंदी बताते है कि जब वह उनसे मिले तो उन्हें ऐसा नहीं लगा कि वह इस मुल्क की किसी मायनाज हस्ती से मिल रहे है। एक बड़ी गायिका होने के बावजूद लता मंगेशकर बेहद सादा मिजाज थी। कहा कि लता हमारे मुल्क का गौरव और बेशकीमती धरोहर थी। कुदरत ने उन्हें जो आवाज बख्शी थी, वह ऊपर वाले के खास तोहफों में से एक थी। लता का यह कमाल था कि जो शब्द उनके गले से निकल जाते थे, वो जीवंत हो जाते थे। उन्होंने शब्दों को जीवनदान दिया। उन्होंने जिस किसी भाषा में भी गाना गाया उस भाषा का हक अदा किया और उस भाषा के शब्दों को अमर कर दिया। लता मंगेशकर ने जो कुछ गाया वह अंतर आत्मा की गहराई से गाया। यही वजह है कि उनके गले से पिरा हुआ हर लफ्ज अंतर आत्मा पर दस्तक देता था। कहा कि लता मंगेशकर पूरी एक शताब्दी का नाम है। लता मंगेशकर अपनी उम्दा गायिकी के लिए हमेशा याद की जाती रहेंगी।
समीर चौधरी।
0 Comments