सपा मुस्लिमों को अपनी जागीर समझती है, हमने मुसलमानों को सम्मान दिया और आगे बढ़ाया, बसपा सुप्रीमो मायावती की दलितों के साथ मुसलमानों को भी साधने की कोशिश।

सपा मुस्लिमों को अपनी जागीर समझती है, हमने मुसलमानों को सम्मान दिया और आगे बढ़ाया, बसपा सुप्रीमो मायावती की दलितों के साथ मुसलमानों को भी साधने की कोशिश।
सहारनपुर: बसपा सुप्रीमो मायावती आज दोपहर 2 बजे सहारनपुर मंडल की चुनावी रैली को संबोधित करने नागल के टपरी रोड पहुंचीं, अपने आधे घंटे के भाषण में मायावती ने बीजेपी और सपा पर निशाना साधा, उन्होंने बीजेपीपर दलितों, मुसलमानों और ब्राह्मणों का उत्पीड़न करने और सामाजवादी पार्टी को गुंडों की पार्टी बताया। 
मायावती ने शनिवार को सभा को संबोधित करते हुए मुस्लिम समाज से पूछा, "उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार हटने पर भाजपा के सत्ता में आने के बाद मुसलमानों ने सपा का सबसे ज्यादा साथ दिया, यह सबको मालूम है, लेकिन उसके बदले में मुस्लिम समाज को सपा से क्या मिला? मुस्लिम समाज के लोगों से मैं यह पूछना चाहती हूं कि सपा ने उत्तर प्रदेश में कितने टिकट मुस्लिम समाज के लोगों को दिये।
बसपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने यहां पहुंची पार्टी सुप्रीमाे ने सपा पर मुजफ्फरनगर दंगों की आड़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का भाईचारा खत्म करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह घटना पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए दंगे का सबसे बड़ा उदाहरण है।
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधते हुए उसे दलित विरोधी पार्टी करार दिया। मायावती ने उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में बसपा की ओर से सभी समुदायों के लोगों को टिकट देने का दावा करते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी, दलित विरोधी पार्टी रही है। जब कांग्रेस का सही समय रहता है तब उन्हें ना महिलाओं की याद आती है ना ही दलित, पिछड़े वर्ग और आदिवासियों की याद आती है।" उन्होंने कहा कि बसपा ही एकमात्र पार्टी है जिसने सर्व समाज के लोगों को चुनाव में टिकट दिये हैं। 
उन्होंने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि ये दंगे सपा सरकार में हुए थे और निर्दोष लोगों को जेल भेजा गया था, जबकि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि दंगों से भाईचारा, शांति और शांति समाप्त हो गई है।
उन्होंने कहा, "लोग भाजपा सरकार से नाखुश हैं और अब बदलाव का समय है।" मायावती ने वोटरों को रिझाने की कोशिश में कहा, 'अगर हमारी सरकार बनेगी तो हर जाति और हर धर्म के हर व्यक्ति का ख्याल रखा जाएगा, उनकी नौकरी का ख्याल रखा जाएगा, उन्हें कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी. बसपा सुप्रीमो मायावती दलितों के साथ-साथ मुसलमानों को भी लुभाने की कोशिश करती दिखीं।

मायावती ने अपने संबोधन में कहा कि यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों को दरकिनार कर दिया है, जिसका उदाहरण सहारनपुर में मुसलमानों का बड़ा चेहरा है.सपा मुसलमानों को अपनी जागीर मानती है, लेकिन 2022 के चुनाव में सपा ने मुस्लिम नेताओं के साथ मंच भी साझा नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुसलमान किसी की जागीर नहीं है, मुसलमान उनके साथ जाएगा जो मुसलमानों को आगे बढ़ने का मौका देगा. बसपा ने हमेशा मुसलमानों को आगे बढ़ाया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी ने अब तक धर्म के नाम पर नफरत की राजनीति कर रही है, भाजपा सरकार में बहनें, बेटियां और दलित सुरक्षित नहीं हैं। मायावती ने शब्बीरपुर कांड के जरिए दलित मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की, उन्होंने कहा कि शब्बीरपुर की घटना हुई और उसके बाद भाजपा की सरकार बनी। मैंने शब्बीरपुर कांड पर राज्यसभा में आवाज उठाने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने मुझे बोलने नहीं दिया. जिसके चलते मैंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया।
इस दौरान मंच पर सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने मायावती को प्रतीक चिन्ह भी भेंट कर स्वागत किया। मायावती ने नगर विधानसभा से प्रत्याशी मनीष अरोड़ा, नकुड विधानसभा से प्रत्याशी साहिल खान, बेहट विधानसभा से प्रत्याशी रईस मलिक, देहात विधानसभा से प्रत्याशी अजब सिंह, रामपुर मनिहारान विधानसभा के प्रत्याशी रविंद्र कुमार मोल्हू, गंगोह विधानसभा से प्रत्याशी नोमान मसूद व देवबंद विधानसभा प्रत्याशी चौधरी राजेंद्र सिंह को भारी मतों से जीतने की अपील की।

समीर चौधरी/इकराम अंसारी

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