कोरोना और महंगाई का हज यात्रा पर भी गहरा असर, तीन महीने में मात्र 65 हजार आवेदन, हज कमेटी ने 15 फरवरी तक बढ़ाई आवेदन की तिथि।
नई दिल्ली/ देवबंद: दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी और महंगाई का हज यात्रा पर भी गहरा असर पड़ता दिखाई दे रहा है, दो लाख हज यात्रियों का कोटा रखने वाले भारत में से इस बार मात्र 65 हजार लोगों ने ही हज यात्रा के लिए आवेदन किया है।
एक नवंबर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक मात्र करीब 65 हजार आवेदन आने के कारण हज कमेटी ऑफ इंडिया ने दो हफ्ते का समय और बढ़ा दिया है, अब हज यात्रा करने की इच्छा रखने वाले लोग 15 फरवरी 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
हज आवेदन करने के लिए दो हफ्ते का समय बढ़ाए जाने का देवबंद के हज काउंटर के कन्वीनर फहीम सिद्दीकी ने स्वागत किया है।
देवबंद हज काउंटर के संयोजक फहीम सिददीकी ने बताया कि भारत से हजयात्रा पर जाने वाले आजमीनों का दो लाख का कोटा है। जिसके लिये हर वर्ष चार से पांच लाख लोग हज यात्रा पर जाने के लिये आवेदन करते थे। प्रति वर्ष आवेदन अधिक होने के कारण लाटरी सिस्टम से हज यात्रियों के नाम चुने जाते थे, लेकिन कोरोना व आर्थिक तंगी के चलते देश में इस बार अब तक एक लाख लोग भी हजयात्रा के लिये आवेदन नही कर पाये।
उन्होनें बताया कि, आम लोगों की शिकायत है कि हजयात्रा में आने वाले खर्च को बेतहाशा बढ़ा दिया गया है और राज्य हज कमेटी द्वारा भी हजयात्रियों के साथ सहयोग नही किया जाता है। बार बार दस्तावेज तलब कर आजमीनों का परेशान किया जाता है। उन्होनें बताया कि अब जिन लोगों के पासपोर्ट अगले एक दो सप्ताह में आने वाले है वो लोग हजयात्रा के लिये आवेदन कर सकते है।
समीर चौधरी।
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