सोफ्ट हिंदुत्व अपनाने वाली सपा को मुस्लिम नेताओं को दरकिनार करना पड़ सकता है भारी, भाजपा के बाद सपा ने भी देवबंद में ठाकुर बिरादरी पर जताया विश्वास।

सोफ्ट हिंदुत्व अपनाने वाली सपा मुस्लिम नेताओं को कर रही दरकिनार।
भाजपा के बाद सपा ने भी देवबंद में ठाकुर बिरादरी पर जताया विश्वास।
पूर्व विधायक माविया अली और कार्तिकेय राणा के बीच थी टिकट को लेकर जंग।
मुस्लिम नेताओं को दरकिनार करना सपा को पड़ सकता है भारी।
देवबंद:भाजपा को टक्कर देने के लिए सोफ्ट हिंदुत्व की राह अपनाने वाली समाजवादी पार्टी ने धार्मिक नगरी देवबंद से मुस्लिम प्रत्याशी को दरकिनार कर सबको चौंका दिया है। देवबंद विधानसभा सीट से सपा-रालोद गठबंधन द्वारा  स्व. मंत्री राजेंद्र सिंह राणा के बेटे कार्तिकेय राणा को टिकट दिया गया है, जबकिवरिष्ठ सेपा नेता एवं पूर्व विधायक माविया अली इस सीट के लिए प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। गुरुवार को कयासों के इतर हुई टिकट घोषणा से एकाएक यहां के सियासी समीकरण बदल गए हैं। सपा नेतृत्व द्वारा पहले जनपद के मुस्लिम कद्दावर नेता इमरान मसूद को दरकिनार करने और अब माविया अली को टिकट न देने से वर्ग विशेष में भारी गुस्सा देखा जा रहा है। जिसका असर जनपद की राजनीति पर पड़ सकता है।
जनवरी माह में कड़ाके की ठंड के बीच दिनों दिन सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम के लिए दुनिया भर में विख्यात नगर देवबंद की बात करें तो यहां से भाजपा ने अपने ही सीटिंग विधायक कुंवर बृजेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, बसपा से चौ. राजेंद्र सिंह का चुनाव लडऩा लगभग तय है। समाजवादी पार्टी ने यहां अपने पत्ते नहीं खोले थे। इस सीट पर जहां सपा का टिकट पाने को पूर्व मंत्री स्व. राजेंद्र राणा के पुत्र कार्तिकेय राणा जुगत में लगे हुए थे। वहीं, 2016 के उपचुनाव में स्व. राजेंद्र राणा की पत्नी मीना राणा को हराकर देवबंद से विधायक बने माविया अली सपा से चुनावी ताल ठोक रहे थे। दोनों के बीच टिकट पाने को लेकर उठापटक जारी थी। गुरुवार शाम को लखनऊ सपा मुख्यालय से जब यह खबर देवबंद पहुंची कि सपा से कार्तिकेय राणा चुनाव लड़ेंगे तो सियासी माहौल गर्मा गया। जहां कार्तिकेय खेमे में खुशियों का माहौल हो गया तो वहीं, माविया खेमे में मायूसी छा गई। साथ ही समाजवादी पार्टी के लिए आक्रोश भी। मुस्लिम सियासी जानकारों का कहना है कि सपा से माविया को टिकट न होना देवबंद में समाजवादी पार्टी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। जानकार यह भी कहते है कि सपा मुखिया अति उत्साह में मुसलमानों को दरकिनार कर रहे है। देवबंद सीट पर ही नहीं बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम नेताओ को नजरअंदाज किया गया है। सपा की नई पोलिसी का शिकार बनने वाले नेताओं में जनपद के कद्दावर नेता इमरान मसूद भी शामिल हैं। यदि ये सब चलता रहा तो केवल पश्चिम में ही नहीं बल्कि पूरे सूबे में सपा को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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भाजपा व सपा ने ठाकुर बिरादरी पर जताया विश्वास
देवबंद विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी से जहां गुर्जर बिरादरी के चौ. राजेंद्र सिंह चुनाव मैदान में डंटे हुए है। वहीं प्रदेश की सत्ता पर आसीन भारतीय जनता पार्टी ने ठाकुर बिरादरी के कुंवर बृजेश सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। सपा-रालोद गठबंधन द्वारा गुरुवार को सपा सरकार में मंत्री रहे स्व. राजेंद्र राणा के पुत्र कार्तिकेय राणा को टिकट दे दिए जाने के बाद अब चुनाव मैदान में दो ठाकुर बिरादरी के प्रत्याशी आमने सामने आ गए है। जबकि अब तक किसी भी मुख्य पार्टी द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव नहीं खेला गया है। जिसके चलते देवबंद में मुस्लिम मतदाता किंग मेकर के रूप में आ गए है।
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देवबंद विधानसभा सीट :
कुल मतदाता
3 लाख 26 हजार 940
मुस्लिम    1 लाख 10 हजार
दलित          70 हजार
ठाकुर, गुर्जर, ब्राह्मïण, त्यागी  1 लाख 10 हजार

फहीम उस्मानी (वरिष्ठ पत्रकार,देवबन्द)

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