सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में चुनाव की घोषणा के साथ ही अपने टिकटों के लिए उम्मीदवार भाग दौड़ में लगे हैं, पश्चिम उत्तर प्रदेश में पहले और दूसरे चरण में विधानसभा चुनाव होना है जिसको लेकर यहां नेताओं ने अपनी पार्टियों से टिकट हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया हैं।
समाजवादी पार्टी और बीजेपी में टिकट के दावेदारों की संख्या ज्यादा है और उनके समर्थक भी उनके आवास पर जमघट लगा कर नेताजी का टिकट पक्का होने का दावा कर रहे हैं।
देवबंद से लेकर सहारनपुर तक और बेहट से लेकर गंगोह नकुड तक सभी नेताओं के बैठकों पर उनके समर्थकों का हुजूम लगा है और वह चुनाव पर लगातार चर्चा करते हुए बीच-बीच में अपने नेता का टिकट पक्का होने का दावा भी कर रहे हैं, हालांकि अभी तक लखनऊ से कोई खास सुगबुगाहट ना होने के कारण नेताजी के साथ-साथ उनके समर्थकों में भी थोड़ी मायूसी जरूर देखने को मिल रही है।
वही इमरान मसूद द्वारा कांग्रेस छोड़कर सपा की साइकिल की सवारी करने के बाद भी जिले में नई तरह के समीकरण बनते और बिगड़ते दिख रहे हैं। इमरान की एंट्री से जहां कई नेताओं को अपने टिकट की दावेदारी मजबूत लगती है वही कईयों के चेहरे पर फिक्र की लकीरें भी साफ दिख रही हैं।
चुनाव में मात्र एक महीने कासमय है, सहारनपुर में 14 फरवरी को मतदान है जिसके बावजूद अभी तक यहां पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, ऐसे में नेता और उनके समर्थक भी एक अजीब तरह की दुविधा में है, जहां नेता और उम्मीदवार लगातार लखनऊ से संपर्क बनाए हुए हैं वही समर्थक भी अपने नेता की किसी भी बात को नीचा नहीं होने देना चाहते और उन्हें यकीन है कि टिकट तो उनके नेता का ही होगा।
हालांकि बहुत जल्द यह निर्णय होने वाला है और लखनऊ से एक या दो दिन के अंदर सभी उम्मीदवारों के टिकटों की घोषणा होनी है लेकिन समाजवादी और बीजेपी के समर्थकों में जहां उत्सुकता देखने को मिल रही है वहीं कुछ तिकड़म बाजी के कारण कभी कभी उनके चेहरों पर मायूसी भी दिखती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कौन सा नेता आलाकमान को अपने पक्ष में करके टिकट पक्का करता है और कौन इस बार टिकट से महरूम रहता है। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और बीजेपी में जिले की सभी सातों सीटों पर सबसे अधिक टिकट के दावेदार हैं।
समीर चौधरी।
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