मंडी शुल्क लगाए जाने से व्यापारियों में आक्रोश, मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मंडी शुल्क खत्म करने की मांग।

मंडी शुल्क लगाए जाने से व्यापारियों में आक्रोश, मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मंडी शुल्क खत्म करने की मांग।
देवबंद: प्रदेश सरकार के मंडी विभाग द्वारा मंडी से बाहर व्यापार करने वाले व्यापारियों पर मंडी शुल्क लगा दिए जाने से व्यापारी जगत में रोष है। विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने सीएम को ज्ञापन भेजकर प्रधानमंत्री के एक देश एक टैक्स की कल्पना को पूरा करते हुए मंडी शुल्क के आदेश वापस लेने की मांग की है।

शुक्रवार को नगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनोज सिंघल के नेतृत्व में व्यापारियों ने एसडीएम दीपक कुमार के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा। कहा गया कि मंडी विभाग द्वारा 10 दिसंबर को जारी आदेश से प्रदेश में किराना, दाल, दहलन, तिलहन, गुड़, खांडसारी, लकड़ी व अन्य कृति उत्पादों थोक व खुदरा व्यापारियों पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा। जीएसटी लगाते समय सरकार ने वादा किया था कि सभी लोकल टैक्स समाप्त कर दिए जाएंगे। इसलिए मंडी विभाग द्वारा जारी आदेश वापस लिए जाए। इसहाक बाले खां, आशुतोष गुप्ता, सतेंद्र बंसल, अंकुर आदि शामिल रहे।

उधर, उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष दीपक गर्ग के नेतृत्व में व्यापारियों द्वारा भेजे गए ज्ञापन में कहा गया कि इससे दाल मिलों, खांडसारी उद्योग, रोलर फ्लोर मिल्स व अन्य सभी खाद्यान्न प्रोसेसिंग इकाई प्रभावित होंगी। अन्य प्रदेशों से टैक्स संतुलन बिगड़ जाने पर उत्तर प्रदेश से ऐसे उद्योगों के पलायन होने की संभावना है। इस मौके पर बबलू आढ़ती, आजम, सुमित कुमार, मनोज कुमार, सचिन बंसल, फुरकान अंसारी मौजूद रहे।

समीर चौधरी।

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