लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार: उलेमा
देवबंद: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में कैबिनेट में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने का फैसला किए जाने पर उलमा की भी प्रतिक्रिया आयी हैं। उलमा का कहना है कि सरकार को यदि इसके लिए क़ानून लाना था तो पहले तमाम धर्म के धर्मगुरु के मशवरा और सलाह लेना चाहिए था इस मामले पर जल्द बाज़ी से काम लिया गया है।
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम ए दीन मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हर मुल्क के अपने अपने उसूल और क़ानून होते हैं और सरकार को क़ानून बनाने का पूरा हक़ होता है परन्तु यह मुल्क सभी धर्म के मानने वालों से भरा हुआ है सरकार को कोई भी क़ानून बनाने से पहले हिंदुस्तान के तमाम धर्म के धर्मगुरों से मशवरा लेकर ही कुछ करना चाहिए चाहिए। गोरा ने कहा कि मुझे लगता है यह फ़ैसल जल्द बाज़ी से लिया गया है इस लिए उचित नज़र नहीं आता है। हमें लगता है अभी सरकार को इस पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है।
समीर चौधरी।
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