जमीयत उलमा देवबंद के तीसरी बार अध्यक्ष बने हाजी मोहम्मद यासीन।

जमीयत उलमा देवबंद के तीसरी बार अध्यक्ष बने हाजी मोहम्मद यासीन।

देवबंद: जमीयत उलमा-ए-हिंद (मौलाना अरशद मदनी गुट) की बैठक में देवबंद यूनिट के लिए सर्वसम्मति से हाजी यासीन को तीसरी बाद अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान जमीयत के समाजसेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का भी बखान किया गया।
रविवार को मोहल्ला पठानपुरा स्थित मुगलो वाली मस्जिद में आयोजित हुई जमीयत उलमा-ए-हिंद की बैठक में देवबंद यूनिट के अध्यक्ष पद के लिए मुफ्ती अमजद मदनी, मौलाना मसूद अहमद व हाजी यासीन के नाम का प्रस्ताव रखा गया। जिस पर चर्चा करने के उपरांत सर्वसम्मति से हाजी यासीन को तीसरी बार संगठन का अध्यक्ष चुन लिया गया। इस अवसर पर मौलाना मुफ्ती खुबैब हसनी ने जमीयत के मकसद पर रोशनी डालते हुए कहा कि जमीयत हर मौके पर मिल्लत-ए-इस्लामिया के साथ हमदर्दी करती रही है। साथ ही हिंसा के खिलाफ आवाज उठाते हुए अमन के पैगाम को आम करती है। उन्होंने मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए कहा कि जबरन किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता। कार्यवाहक अध्यक्ष मौलाना मसरुर अहमद कासमी ने लॉकडाउन के दौरान जमीयत द्वारा गरीब बेसहारा लोगों की सेवाओं का बखान किया। साथ ही कहा कि जहां तक मुमकिन हुआ जरुरतमंद व गरीबों में खिदमत अंजाम दी। आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा। अध्यक्षता हाजी यासीन व संचालन मुफ्ती खादिमुल इस्लाम ने किया। तिलावत-ए-कलाम पाक कारी मो. शावेज कासमी ने किया। जबकि नात-ए-पाक मौलवी इमरान ने पढ़ी। अंत में कोषाध्यक्ष कारी फौजान ने दुनिया में अमनो अमान व भाईचारे के लिए दुआ कराई। इसमें मौ. आरिफ, फखरुद्दीन अहमद, मो. युसूफ प्रधान, शराफत, प्रधान आकिल, हाजी जब्बार, अब्दुल वहाब, डा. नदीम सलमानी, मो. शहजाद, मुफ्ती अखलाक आदि मौजूद रहे। 

समीर चौधरी।

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