सार्वजनिक भवन पर कब्जे को लेकर रणखंडी में जमकर चली गोलियां, पूर्व प्रधान समेत तीन के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज, दो को भेजा जेल।

सार्वजनिक भवन पर कब्जे को लेकर रणखंडी में जमकर चली गोलियां, पूर्व प्रधान समेत तीन के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज, दो को भेजा जेल। 


देवबंद: सार्वजनिक पंचायत भवन पर अवैध कब्जे को लेकर पूर्व ग्राम प्रधान उसके पति भांजे व चार अज्ञात लोगों ने गाली गलौच, अभद्रव्यवहार करते हुऐ फायरिंग की। भरी सभा में अचानक हुई फायरिंग से वहां अफरा तफरी फैल गई और लोगों में भगदड मच गई। गोली लगने से एक युवक घायल हो गया। 

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया। गोली लगने से घायल पीडित ने आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी। 

गांव रणखण्डी निवासी ग्राम पंचायत सार्वजनिक भवन में रविवार को सुबह पंचायत भवन के विकास को लेकर ग्रामवासियों की बैठक चल रही थी। बैठक की अध्यक्षता वर्तमान ग्राम प्रधान प्रतिनिधि प्रमोद कुमार कर रहे थे। बैठक में सैकडों ग्रामवासी मौजूद थे। इसी दौरान वहां गांव के पूर्व प्रधान रेखा उसका पति दिनेश कुमार, भांजा विकास व 4 अज्ञात व्यक्ति आये और बैठक में मौजूद लोगों के साथ गाली गलौज शूरू कर दी और भवन पर कब्जा करने की नीयत से फायरिंग शूरू कर दी। फायरिंग शूरू होते ही मौके पर भगदड मच गई और गोली लगने से संजय कुमार पुत्र रणवीर सिंह घायल हो गया। ग्रामवासियों ने बताया कि जब ग्रामीणों ने दिनेश व उसके भांजे को पकडने का प्रयास किया तो दोनो सार्वजनिक भवन की छत पर चढ गये और वहां से भी ग्रामवासियों पर फायरिंग की। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पूर्व प्रधान पति दिनेश व उसके भांजे विकास को हिरासत में ले लिया। वहीं, छत से फायरिंग करने तथा ग्रामीणों द्वारा पथराव करने की वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। 

इस मामले में संजय की तहरीर पर पूर्व प्रधान रेखा उसके पति दिनेश कुमार और भांजे विकास कुमार के खिलाफ धारा 307 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। मौके से दिनेश कुमार और विकास कुमार को गिरफ्तार किया गया। जिन्हें जेल भेजा गया है। 

ग्रामीणों का आरोप है कि सार्वजनिक भवन ग्राम पंचायत की भूमि पर बना है। जिस पर पूर्व प्रधान पति अपनी संपत्ति समझकर कब्जा का प्रयास कर रहा है। जबकि पूर्व प्रधान पति दिनेश सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने खर्चे से उक्त भवन का निर्माण कराया था। जिसमें करीब 17 लाख रुपये का खर्च आया था। इसे पंचायत समिति या ग्रामीण वापस करें। इंस्पेक्टर योगेश शर्मा का कहना है कि पूर्व प्रधान परिवार सहित कई दिनों से सार्वजनिक भवन में ही रह रहे थे। इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ है। 

समीर चौधरी।

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