27 सितंबर को किसानों के "भारत बंद" को कामयाब बनाने के लिए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने की तैयारियां शुरू।
देवबंद: यहां पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा कार्यालय पर बैठक को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि कृषि प्रधान देश भारतवर्ष में सरकारे लगातार किसानों की उपेक्षा करती आ रही है देश के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य तो दो लागत मूल्य भी सरकार नहीं दिला पा रही हैं जिसके कारण देश के अन्नदाता किसान कर्ज बंद होकर आत्महत्या कर रहे हैं जिसके लिए दिल्ली में बैठे हुए नेता सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि किसान वर्ष 1967 को आधार वर्ष मानकर देश के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य सरकार दिलाने का काम करें देश के अन्नदाता किसानों की क्रय शक्ति बढ़ने से ही देश उन्नति शील होगा। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि वर्ष 1967 में गेहूं का रेट ₹76 प्रति क्विंटल था उसी समय गन्ने का रेट ₹12- 10 पैसे कुंटल था। वर्ष 1967 में किसान बाजार से जो सामान खरीदता था आज उसके दाम 500 गुना तक बढ़ गए हैं जबकि किसानों की फसलों के दाम 40% से भी कम बढ़े हैं। जो अन्नदाता किसानों के साथ सरासर अन्याय है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार व भाजपा की प्रदेश सरकार अन्नदाता किसानों के हित में गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल गेहूं का रेट ₹5000 कुंटल बासमती धान का रेट ₹7000 कुंटल व कपास का रेट ₹10000 कुंटल तत्काल घोषित करें जिससे किसानों को लाभ हो सके। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य तो नहीं दिला रही है उल्टे किसानों को बर्बाद करने के लिए तीन कृषि काले कानून उन पर थोप दिए हैं जिनसे देश के अन्नदाता किसान तो बर्बाद होंगे ही साथ में देश का आम आदमी व देश पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि कृषि काले कानून वापस कराने किसानों के सभी कर्ज समाप्त कराने किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए महान कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कराने मनरेगा योजना को खेती से जोड़ने किसानों को कृषि कार्य हेतु निशुल्क बिजली देने गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल तत्काल घोषित कराने चीनी मिलों से पिछले वर्ष का बकाया गन्ना भुगतान तुरंत दिलाने और पिछले वर्षों में चीनी मिलों द्वारा देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज गन्ना किसानों को दिलाने के लिए भारत बंद के तहत 27 सितंबर 2021 को समय 11 बजे किसान मजदूर नौजवान देवबंद को बंद कराने व चक्का जाम कराने के लिए भारी संख्या में स्टेट हाईवे जामिया तिब्बिया कॉलेज पर पहुंचे। बैठक की अध्यक्षता मंडल उपाध्यक्ष सरदार गुलविंदर सिंह बंटी ने की। बैठक का संचालन करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव रविंद्र चौधरी ने कहा की यह वर्ष देश के अन्नदाता किसानों के नाम से जाना जाएगा जिसमें देश के अन्नदाता किसान अपनी आर्थिक आजादी की लड़ाई के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। किसानों की इस आर्थिक आजादी की लड़ाई में मजदूरों गरीबों छोटे व्यापारियों दुकानदारों व नौजवानों को भारी संख्या में आगे आकर भाग लेना चाहिए। बैठक में रविंद्र चौधरी प्रधान सुधीर चौधरी पूर्व जिला पंचायत सदस्य नीरज सैनी प्रधान हरपाल सिंह डॉक्टर यशपाल त्यागी जनेश्वर त्यागी प्रधान सुभाष त्यागी जोगेंद्र सिंह महबूब हसन बुद्धू हसन वसीम जहीर पुर मोहम्मद फारुख मोहम्मद यासीन मोहम्मद इस्लाम हाजी साजिद हाजी सुलेमान विनोद सैनी नैन सिंह सैनी चौधरी लहरी सिंह चौधरी वीरपाल सिंह मोहम्मद अमीर आलम मोहम्मद मुक्तदीर केसर आलम चौधरी अशोक कुमार तीरथ पाल प्रधान सुमित चौधरी आदि ने भाग लिया।
समीर चौधरी।
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