दलित उत्पीड़न व बाबा साहब के अपमान के विरोध में भीम आर्मी और आसपा का प्रदर्शन, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच की मांग।

देवबंद: देश में दलित समुदाय के साथ हो रहे उत्पीड़न और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में रविवार को भीम आर्मी एवं आजाद समाज पार्टी (आसपा) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए एसडीएम कार्यालय परिसर में अनिल मिश्रा का फोटो जलाकर विरोध दर्ज कराया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा।
प्रदर्शन का नेतृत्व भीम आर्मी के संस्थापक सदस्य दीपक बौद्ध ने किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में देशभर में हुई घटनाएं जातिवादी मानसिकता की उपज हैं, जिनसे समाज में असमानता और भेदभाव की भावना बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 6 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता राकेश किशोर द्वारा मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया गया, जो देश की न्यायपालिका पर कलंक है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. आंबेडकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी न केवल संविधान निर्माता का अपमान है, बल्कि दलित समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली भी है। दीपक बौद्ध ने यह भी कहा कि हरियाणा में 8 अक्तूबर को आत्महत्या करने वाले आईपीएस अधिकारी वाई पूरण सिंह ने अपने सुसाइड नोट में जातिगत भेदभाव, पदोन्नति में अनियमितता, मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक हस्तक्षेप के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन सभी घटनाओं से स्पष्ट है कि जातिवाद अभी भी समाज की जड़ों में गहराई से मौजूद है। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की कि सभी घटनाओं की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाए और दोषियों को कठोर दंड दिया जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति संविधान या उसके निर्माताओं का अपमान करने का साहस न कर सके।
इस अवसर पर भारतीय बौद्ध महासभा के पश्चिम प्रदेश मंडल महामंत्री अजय कुमार बौद्ध, आसपा के जिला प्रभारी मोनू चौधरी, विक्की जाटव, संजय कुमार, रोहित, अमित गौतम, रमेश राज गौतम, बिजेंद्र बौद्ध, अक्षय जाटव, अंकुर गौतम, लोकेश, मोहित जाटव और तीरथपाल सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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