दारुल उलूम देवबंद शेख उल-हदीस (सानी) हजरत अल्लामा कमरुद्दीन गोरखपुरी का इंतकाल।

देवबंद: ये खबर दुख के साथ पढ़ी जाएगी कि विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के प्रसिद्ध उस्तजा और शेख अल-हदीस सानी (द्वितीय) हजरत अल्लामा कमरुद्दीन गोरखपुरी का रविवार की सुबह बीमारी के चलते मोहल्ला दीवान स्थित अपने आवास पर इंतकाल हो गया है। मरहूम लगभग 85 वर्ष के थे और उनकी शैक्षणिक सेवाएँ आधी सदी से भी अधिक समय तक रही हैं। उन्हें दारुल उलूम देवबंद में एक लोकप्रिय शिक्षक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।
हजरत अल्लामा कमरुद्दीन गोरखपुरी पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका इलाज मुजफ्फरनगर समेत कई अस्पतालों में चल रहा था। दो दिन पहले उनकी हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें घर वापिस भेज दिया था। उनकी सेहत को लेकर चिंताजनक खबर मिल रही है, रविवार को उन्होंने दार फानी को अलविदा कह दिया।
दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी और सदररुल मुदररिसीन मौलाना सैयद अरशद मदनी सहित प्रमुख उलेमा ने अल्लामा कमरुद्दीन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। आखरी दीदार के लिए मरहूम के आवास मोहल्ला दीवान में उलेमा और छात्रों की भीड़ जमा है। उनकी नमाज ए जनाजा जौहर की नमाज के बाद दारुल उलूम देवबंद में अदा की जाएगी। मरहूम ने करीब 50 साल तक दारुल उलूम देवबंद में शैक्षणिक सेवाओं दी हैं।

समीर चौधरी।

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