JPC के सामने रखें अपनी राय, सरकार के नए वक्फ बिल का करें विरोध, दारूल उलूम देवबंद के मोहतमिम की देश के मुसलमानों से अपील।

देवबंद: विश्व विख्यात इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि वक्फ इस्लाम का एक अहम कार्य है। संशोधन बिल इसकी सूरत को पूरी तरह बदल देगा इसलिए देशभर में रहने वाले सभी मुसलमान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ द्वारा जारी प्रारूप के माध्यम से जेपीसी के समक्ष अपनी राय रखते हुए सरकार द्वारा लाए जा रहे बिल का विरोध करें।

गुरुवार को देशभर के मुसलमानों के नाम अपील जारी करते हुए मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि इस्लाम की नजर में वक्फ इबादत का एक रूप है। इसकी हिफाजत करने हर एक मुसलमान पर फर्ज है। केंद्र सरकार द्वारा लाया गया संशोधन बिल वकफ को बर्बाद कर देगा। लोकसभा में विरोध के बाद इस सरकारी बिल को जेपीसी के हवाले कर दिया गया है। जिसके बाद जेपीसी ने सभी संस्थाओं और लोगों से इस बिल पर अपनी राय मांगी है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत सभी मुस्लिम संस्थाएं इस बिल का विरोध कर रही हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लोगों से जेपीसी को अपनी राय भेजने का आह्वान किया है। जिसके लिए बाकायदा एक बार कोड भी जारी किया गया है जिसके जरीये आसानी से जेपीसी को अपनी राय भेजी जा सकती है।
मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि हम देशभर में रहने वाले सभी मुसलमानों से अपील करते हैं कि वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार जेपीसी को अपनी राय भेजते हुए वक्फ संशोधन बिल का विरोध करें और सरकार को यह बता दें कि मुसलमानों के लिए मौजूदा वक्फ कानून काफी है। क्योंकि यह हमारा धार्मिक मामला है इसलिए हम नए बिल का विरोध करते हैं।

समीर चौधरी।

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