देवबंद: पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व के अंतिम दिन जैन समाज ने उत्तम ब्रह्मïचर्य धर्म की विशेष पूजा अर्चना की। अनंत चतुर्दशी पर भव्य पालकी, जलकलश व चक्रवर्ती यात्रा निकाली गई। श्रद्धालुओं ने सहस्त्र कलशों से श्री जी का अभिषेक किया। साथ ही भगवान श्री वासु पूज्य का निर्वाण महोत्सव भी हर्षोल्लास से मनाया गया।
मंगलवार को भगवान श्री दिगबंर जैन मंदिर सरागवाड़ा से आरंभ हुई यात्रा में बच्चों, युवाओं और बुर्जुगों ने इंद्र का रूप धारण कर नगर परिक्रमा की और अहिंसा का संदेश दिया। यात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई भगवान पाश्र्वनाथ दिगबंर जैन मंदिर नेचलगढ़ पहुंची। जहां इंद्र बने श्रद्धालुओं ने लुटिया में भरे जल से श्रीजी का अभिषेक किया। यात्रा पुन: सरागवाड़ा मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। इस दौरान भजनों से वातावरण भक्तिमय बना रहा। पीयूष जैन शास्त्री ने कहा कि अनंत चर्तुदशी का दिन जैन ग्रंथों में महत्वपूर्ण है, जो ब्रह्मचर्य व्रत धारण करने की शिक्षा देता है। इस अवसर पर शुभम जैन, उदित जैन, नमन जैन, सुदेश जैन, उत्सव जैन, मिलिंद जैन, आर्जव जैन, विभोर जैन, अतुल जैन, विपुल जैन व सुदेश जैन आदि मौजूद रहे।
समीर चौधरी/महताब आज़ाद।
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