प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से बचें मुसलमान, बोले जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी, सरकारी आदेशों का पालन करें और साफ सफाई का ख़ास ख्याल रखें।

देवबंद: मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार ईदुल अज़हा 17 से 19 जून तक देश भर में श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। कुर्बानी के इस अज़ीम त्यौहार पर दारुल उलूम देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद एवं जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी सरकारी आदेशों का पालन करने और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील की है। साथ ही कहा है कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि हमारे से किसी को तकलीफ़ न पहुंचे।

मीडिया में जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मजहबे इस्लाम में कुर्बानी का कोई विकल्प नहीं है यह एक धार्मिक कर्तव्य है, जिसका पालन करना हर क्षमता रखने वाले मुसलमान के लिए जरूरी है। मौलाना ने कहा कि वर्तमान हालात को ध्यान में रखते हुए मुसलमान कुर्बानी के इस अजीम त्यौहार पर सावधानी बरतें ताकि त्यौहार में किसी भी प्रकार का कोई व्यवधान पैदा न हो। कहा कि कुर्बानी केवल अल्लाह के लिए है इसलिए इसका सोशल मीडिया पर तसवीर या वीडियो डालकर प्रचार न करें। मौलाना ने कहा कि देश भर में मुसलमान कुर्बानी करते समय सरकारी आदेशों का अवश्य पालन करें और प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करें। क्योंकि हमारे पास इसका बदल मौजूद है। मौलाना ने यह भी कहा कि यदि किसी भी स्थान पर उपद्रवी मुसलमानों को काले जानवर की भी कुर्बानी करने से रोकते हैं तो जरूरी है कि वहां के प्रभावशाली लोग इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दें और अधिकारियों को भरोसे में लेते हुए कुर्बानी के फरीजे को अदा करें। मौलाना मदनी ने ईदुल अज़हा पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की भी अपील की और कहा कि कुर्बानी के जानवरों के अवशेष सडक़ों, गलियों और नालों में न डालें बल्कि उन्हें किसी स्थान पर इस तरह दफ्न कर दें कि इससे बदबू न फेले।

समीर चौधरी

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